उत्तर प्रदेश में एनडीए गठबंधन के ‘बर्तन’ अचानक बजने लगे हैं. योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण सिंह ने जयंत चौधरी की पार्टी को ‘पनौती’ बता दिया है. मथुरा की छाता विधानसभा सीट से विधायक चौधरी लक्ष्मीनारायण का कहना है कि जिस भी पार्टी के साथ RLD ने गठबंधन किया, उसका सूपड़ा साफ हो गया. इसी वजह से 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को 400 के टारगेट के मुकाबले सिर्फ 240 सीटें मिलीं.
CM योगी के मंत्री लक्ष्मी नारायण सिंह ने RLD को बताया 'पटपांव', जवाब आया- 'खुद RLD में थे'
भाजपा विधायक और योगी सरकार के मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने आरएलडी को 'पनौती' बताया है. उन्होंने कहा कि जिसके साथ भी आरएलडी ने गठबंधन किया है, उसका सूपड़ा साफ हो गया.

लक्ष्मी नारायण सिंह के बयान पर यूपी की सियासत में कोहराम मच गया है. RLD नेता तेजपाल सिंह ने मंत्री की टिप्पणी पर घोर आपत्ति जताई और उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है. विवाद बढ़ा तो चौधरी ने अपने बयान पर सफाई देने की कोशिश की. कहा कि अपने जीवन में उन्होंने कभी भी किसी के खिलाफ व्यक्तिगत बयान नहीं दिया है. जो बयान दिया है, उसमें भी किसी को व्यक्तिगत तौर पर नहीं बोला है. मंत्री ने कहा, “ये सच्चाई है जो सब जानते हैं.”
हालांकि, अपने गठबंधन साथी को लेकर जैसी बातें उन्होंने कही हैं, उससे विवाद यहीं थमने के आसार नहीं हैं.
लक्ष्मीनारायण रविवार, 10 अगस्त को मथुरा में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि RLD की स्थापना का मुहूर्त ऐसा था कि वह जिसके साथ गई, उसका सूपड़ा साफ हो गया. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, वीपी सिंह, नरसिम्हा राव, एचडी देवगौड़ा, इंद्रकुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी सभी ने RLD से गठबंधन किया और सभी ने चुनावों के बाद सत्ता खो दी.
BJP विधायक ने आगे कहा,
अटल (बिहारी वाजपेयी) जी के समय में जब BJP के साथ RLD का गठबंधन हुआ था तो मैंने BJP के तत्कालीन सीएम राजनाथ सिंह को RLD के ‘पटपांव’ (पनौती) होने को लेकर आगाह किया था. गठबंधन के बाद भी BJP मुजफ्फरनगर और कैराना जैसी सीटें हार गई.
लक्ष्मीनारायण ने कहा कि BJP को RLD का वोट कभी नहीं मिलता है. लोकसभा चुनाव 2024 में मथुरा सीट पर RLD का वोट कांग्रेस को मिला, जिससे उसका आंकड़ा बढ़ गया.
क्यों ऐसा बयान दे रहे मंत्री?दरअसल, कुछ दिन पहले RLD के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी मथुरा आए थे. यहां वह पूर्व मंत्री और अपनी पार्टी के नेता तेजपाल सिंह के घर पहुंचे थे. इसके बाद से ही ये कयास लगने लगे कि अगले यूपी चुनाव में छाता विधानसभा सीट RLD के खाते में जा सकती है या RLD उस पर दावा कर सकती है. इसके बाद से ही 74 साल के BJP विधायक ‘अनसिक्योर’ दिखाई दे रहे हैं. BJP में सांसदों और विधायकों की रिटायरमेंट उम्र 75 साल तय की गई है. चौधरी अगले यूपी चुनाव तक 75 साल के हो जाएंगे. यह भी एक वजह है कि उन्हें अपनी पारंपरिक सीट खोने का डर सता रहा है, जहां से वह अलग-अलग पार्टियों से होते हुए 5 बार विधायक बने हैं.
RLD नेताओं ने बोला हमलाहिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, उनके बयान पर हमला बोलते हुए RLD नेता तेजपाल सिंह ने कहा कि लक्ष्मी नारायण चौधरी की सियासत ही RLD से शुरू हुई थी. किसान नेता चौधरी चरण सिंह ने उन्हें प्रशिक्षित किया था. चौधरी ने लोकदल के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता, लेकिन बाद में 1996 में कांग्रेस, 2002 में बसपा और 2017 में वह BJP में शामिल हो गए.
तेजपाल सिंह के अलावा RLD के महासचिव अनिल दुबे ने भी चौधरी लक्ष्मीनारायण पर हमला बोला है. उन्होंने उन पर BJP-RLD गठबंधन को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि दोनों दलों के बीच गठबंधन पर उन्हें बोलने का कोई अधिकार नहीं है. ये जयंत चौधरी और BJP नेतृत्व के बीच का मामला है. गठबंधन पर बोलने के बजाय उन्हें गन्ना किसानों पर ध्यान देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों को बकाया राशि और उनकी फसल का मूल्य मिले.
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