विश्व प्रसिद्ध उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर (महाकाल मंदिर) में पुजारी पंडित महेश शर्मा और महंत महावीरनाथ में पहनावे और पगड़ी उतारने को लेकर विवाद हो गया. मामला इतना बढ़ गया कि मंदिर प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा.
उज्जैन के महाकाल मंदिर में भिड़े पुजारी और महंत, गाली गलौज के साथ धक्का-मुक्की हुई
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी और महंत में ड्रेस कोड का पालन न करने और पगड़ी उतारने को लेकर विवाद हो गया. मंदिर के अंदर दोनों में गाली गलौज और धक्का मुक्की भी हुई.


इंडिया टुडे से जुड़े संदीप कुलश्रेष्ठ की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार, 22 अक्टूबर की सुबह ऋणमुक्तेश्वर मंदिर के महंत महावीरनाथ के साथ गोरखपुर से आए महंत शंकरनाथ महाराज मंदिर में दर्शन करने गए थे. वहां पर पंडित महेश पहले से ही मौजूद थे, जिन्होंने कथित तौर पर उनके पहनावे और पगड़ी पर आपत्ति जताई. इसके बाद दोनों पक्षों में बहस होने लगी और मामला गाली गलौज के साथ धक्का-मुक्की तक पहुंच गया.
दोनों पक्षों का कहना है कि यह विवाद मंदिर में दर्शन-पूजन करने से जुड़ा हुआ है. संत होने के चलते महावीरनाथ को गर्भगृह में प्रवेश करके दर्शन करने की सुविधा मिली हुई है. मंदिर में दर्शन करने से पहले संत के पहनावे और पगड़ी उतारकर प्रवेश करने की बात को लेकर महावीरनाथ और महेश शर्मा आपस में भिड़ गए.
महावीर नाथ ने आरोप लगाते हुए कहा,
‘महेश पुजारी वहां जल चढ़ा रहे थे, जो वहां के पुजारी नहीं हैं और ना ही प्रतिनिधी हैं. सभी साधु-संतों को प्रताड़ित तो करते ही हैं, महाराज जी, जो कि हार्ट अटैक के पेशेंट हैं, उनकी पगड़ी और कपड़े को उतरवाया और उन्हें प्रताणित करा. महेश पंडित से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है. हम साधु-संत हैं. दर्शन करने जाते हैं और जल चढ़ाना है और वापस आ जाते हैं. महेश पुजारी के जो तीन-चार असिस्टेंट रहते हैं, सबसे गाली गलौज करने लगे और कहा कि जो हमे पैसे नहीं देगा उसका जल हम नहीं चढ़ाएंगे और न ही पूजा करेंगे. महेश पुजारी ने वहां बहुत अव्यवस्था फैलाई हुई है.'
वहीं दूसरी ओर पुजारी महेश शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा,
‘कुछ कारण हैं, जो महाकाल मंदिर की मर्यादाओं को भंग करते हैं. बाकी संत आते हैं, वो मर्यादाओं का पालन करते हैं. लेकिन कुछ संत ना तो महामंडेलश्वर हैं, न कोई आचार्य हैं... फिर भी वे जबरन मंदिर प्रबंधन समिति या हम पुजारियों पर दबाव बनाकर गर्भगृह में प्रतिदिन घुसते हैं.
भगवान महाकाल हमारे राजा हैं. राजा के सामने कोई भी व्यक्ति टोप, कैप, साफा अन्य चीजें बांधकर नहीं जाता है. मंदिर प्रबंधन समिति का यह निर्णय है. गर्भगृह में जो भी जाएगा वो मर्यादा से यानी कुर्ता वगैरह निकालना होगा... लेकिन कुछ संत अमर्यादित वस्त्र पहनकर भी वहां जाकर मर्यादा का पालन नहीं करते और मंदिर समिति के नियमों का भी उल्लंघन करते हैं.
घटना के बाद दोनों पक्षों ने इस बात की शिकायत मंदिर प्रशासन में दर्ज कराई है. श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने कहा कि आगे की जांच CCTV फुटेज के आधार पर की जा रही है. जांच के बाद नियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
महाकालेश्वर मंदिर में इसके पहले भी श्रद्धालुओं और मंदिर कर्मचारियों में विवाद होते आए हैं.
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