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ध्वस्त हो रहा नक्सलवाद का गढ़, दो दिन में 3 करोड़ से अधिक के इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर

Maoist Commander Surrendered: टॉप CPI (माओवादी) कमांडर रामधर माझी ने सोमवार, 8 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के कुम्ही, खैरागढ़ के बकरकट्टा पुलिस स्टेशन में 11 कैडरों के साथ सरेंडर कर दिया. उसने एक AK-47 राइफल भी पुलिस को सौंप दी.

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टॉप कमांडर समेत कई नक्सलियों ने किया सरेंडर. (Photo: ITG)
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सुमी राजाप्पन

देश में नक्सलवाद के गढ़ एक के बाद एक ध्वस्त होते जा रहे हैं. दो दिन के अंदर 3 करोड़ से अधिक के ईनामी नक्सलियों ने सरकार और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. इनमें नक्सलियों का टॉप कमांडर रामधेर मज्जी भी शामिल है, जिस पर अकेले एक करोड़ का इनाम था. सरेंडर करने वाले लगभग सभी नक्सली मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के इलाकों में सक्रिय थे.

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आजतक की रिपोर्ट के अनुसार टॉप CPI (माओवादी) कमांडर रामधर माझी ने सोमवार, 8 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के कुम्ही, खैरागढ़ के बकरकट्टा पुलिस स्टेशन में 11 कैडरों के साथ सरेंडर कर दिया. उसने एक AK-47 राइफल भी पुलिस को सौंप दी. साथ ही नक्सलियों के डिवीजनल कमेटी के सदस्य चंदू उसेंडी, ललिता, जानकी और प्रेम ने भी AK-47 और INSAS राइफलों के साथ सरेंडर किया. इनके अलावा एरिया कमेटी सदस्य रामसिंह दादा और सुकेश पोट्टम ने पार्टी सदस्यों लक्ष्मी, शीला, योगिता, कविता और सागर के साथ AK-47, INSAS, SLR, .303 और .30 कार्बाइन सहित हथियारों का जखीरा सौंपा.

सीएम की मौजूदगी में किया सरेंडर

इससे पहले, रविवार, 7 दिसंबर को मध्य प्रदेश के बालाघाट में CM डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में कुल ₹2.36 करोड़ का इनाम वाले 10 माओवादियों ने सरेंडर किया था. इनमें ₹62 लाख का इनामी कैडर सुरेंद्र उर्फ ​​कबीर भी शामिल था. इन्होंने AK-47, INSAS राइफल, SLR, SSR, BGL शेल जैसे हथियारों के साथ वॉकी-टॉकी भी जमा कराया. बताया गया है कि माओवादियों ने खुद हथियार डालने के लिए संपर्क किया था. इसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों और स्थानीय ग्रामीणों ने बालाघाट में सरेंडर कराने में अहम भूमिका निभाई.

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बताते चलें कि नक्सलवाद के खिलाफ अभियान में सुरक्षा बलों को पिछले महीने भी बड़ी सफलता मिली थी, जब कुख्यात नक्सली कमांडर और सीपीआई (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी का युवा सदस्य हिडमा एक एनकाउंटर में मारा गया था. वह PLGA बटालियन-1 का प्रमुख था और 2010 का ताड़मेटला हमला, 2013 का झीरम घाटी नरसंहार जैसे 26 से अधिक बड़े हमलों का मास्टरमाइंड था. उस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था. 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मारेदुमिल्ली जंगल में सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ (एनकाउंटर) के दौरान उसे मार गिराया. इस मुठभेड़ में उसकी पत्नी राजे समेत कुल छह नक्सली मारे गए थे.

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