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'जबान से लगी चोट नहीं भरती’, शर्मिष्ठा पलोनी पर FIR कराने वाले वजाहत को SC ने खूब सुनाया

जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा कि इस तरह के नफरत भरे भाषण, समाज को कहीं नहीं ले जाते. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ शारीरिक हिंसा नहीं, बल्कि मौखिक हिंसा भी गंभीर मानी जानी चाहिए.

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सुप्रीम कोर्ट ने वजाहत खान को अंतरिम राहत दी है. (तस्वीर-वजाहत खान, सुप्रीम कोर्ट)

सुप्रीम कोर्ट ने सांप्रदायिक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार वजाहत खान को अंतरिम राहत दी. कोर्ट ने आदेश दिया कि पश्चिम बंगाल के अलावा बाकी राज्यों में दर्ज FIR के मामलों में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नफरत फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ एक कड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि 

‘आग से लगी चोट भर सकती है, लेकिन जबान से लगा चोट नहीं भरती.’

बता दें कि वजाहत खान पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने को लेकर देश के कई राज्यों में FIR दर्ज की गई है.

इंडिया टुडे से जुड़ी सृष्टि ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 23 जून को वजाहत खान की याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा कि इस तरह के नफरत भरे भाषण, समाज को कहीं नहीं ले जाते. उन्होंने स्पष्ट किया कि सिर्फ शारीरिक हिंसा नहीं, बल्कि मौखिक हिंसा भी गंभीर मानी जानी चाहिए. उन्होंने वजाहत खान की पोस्ट पर कहा कि यह अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे में नहीं आती. कोर्ट ने वजाहत के व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ये सारे बयान नफरत फैलाने वाले हैं.

बता दें कि वजाहत खान ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इसमें मांग की कि असम, महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा में उनके खिलाफ दर्ज FIR को एक साथ जोड़ दिया जाए. इस दौरान उन्होंने कोर्ट को बताया कि उन्होंने सारे पोस्ट सोशल मीडिया से हटा लिये हैं. और उन्हें भी पहले ही दो मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक यह पूरा मामला वजाहत खान और शर्मिष्ठा पनोली से जुड़ा है. शर्मिष्ठा जो एक लॉ स्टूडेंट और इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर हैं. उन्होंने हाल में हुई ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े एक वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. इस वीडियो को लेकर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगा. इसके बाद वजाहत खान ने कोलकाता पुलिस से उनके खिलाफ शिकायत की. तब बंगाल पुलिस ने शर्मिष्ठा को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था. हालांकि कुछ दिन बाद उन्हें कलकत्ता हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई.

इस घटना के दौरान वजाहत खान खुद भी विवादों में आ गए. उन पर भी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए हिंदू देवी-देवताओं, त्योहारों और परंपराओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने और नफरत फैलाने का आरोप है. उनके खिलाफ BNS की धाराओं में मामला दर्ज किया गया. उन्हें बीती 9 जून को कोलकाता में गिरफ्तार किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक FIR में दावा किया गया है कि वजाहत के पोस्ट सांप्रदायिक तनाव फैला सकते हैं. इससे सार्वजनिक शांति भंग हो सकती है.

 

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