पुलिस से लेकर अदालत तक आरोपों की जांच और न्याय के कितने ही संस्थान देश में हैं, लेकिन भीड़ के ‘कंगारू कोर्ट’ लगाकर सजा देने के मामले नहीं थम रहे हैं. ताजा मामला ओडिशा के गंजाम का है. यहां गाय ले जा रहे दलित समुदाय के 2 युवकों को कुछ लोगों ने घेर लिया. उन पर 'गोकशी' का आरोप लगाकर पैसे मांगे. गरीब लड़कों ने पैसे नहीं दिए तो उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया. दोनों को गंदा पानी पिलाया गया और उन्हें जानवरों की तरह चलने और घास चरने को मजबूर किया गया.
गाय ले जा रहे दलित युवकों को पूरे गांव में 'जानवर' की तरह घुमाया, घास चरवाई, नाली का पानी पिलाया
हरिपुर गांव के रहने वाले 2 दलित व्यक्ति 3 गायों को लेकर सिंगीपुर जा रहे थे. बताया गया कि ये गायें एक लड़की की शादी में दहेज देने के लिए ले जाई जा रही थीं. रास्ते में खारीगुमा गांव पहुंचने पर कुछ लोगों ने उन्हें रोक लिया और कहा कि वे गाय की तस्करी कर रहे हैं.
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इंडिया टुडे से जुड़े अजय कुमार नाथ की रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना गंजाम के धर्मकोट ब्लॉक के खारीगुमा गांव की है. यहां हरिपुर गांव के रहने वाले 2 दलित व्यक्ति 3 गायों को लेकर सिंगीपुर जा रहे थे. बताया गया कि ये गायें एक लड़की की शादी में दहेज देने के लिए ले जाई जा रही थीं. रास्ते में खारीगुमा गांव पहुंचने पर कुछ लोगों ने उन्हें रोक लिया और कहा कि वे गाय की तस्करी कर रहे हैं.
आरोप है कि उन लोगों ने दोनों से पैसे की मांग की. युवकों ने जब पैसे देने से इनकार कर दिया तो वे उन पर टूट पड़े. उनके कपड़े फाड़ने की कोशिश की गई. उनके साथ मारपीट की गई. बात यहां भी खत्म नहीं हुई. दोनों को लगभग 2 किलोमीटर तक खारीगुमा से जहाड़ा गांव तक सड़क पर रस्सी से बांधकर घसीटा गया. उन्हें घास खिलाई गई और नाली का गंदा पानी जबरदस्ती पिलाया गया. उन्हें जानवरों की तरह चलने को मजबूर किया गया. पूरी घटना गांव वालों के सामने हुई, लेकिन किसी ने आरोपियों को रोकने की कोशिश नहीं की.
किसी तरह मौका पाकर दोनों पीड़ित वहां से भाग निकले और सीधे धराकोट थाना पहुंच गए. उन्होंने लिखित में शिकायत दी और बताया कि आरोपियों ने उनके सिर और पीठ पर ‘गंभीर चोटें’ पहुंचाई हैं. धराकोट पुलिस ने दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया और मामले की जांच शुरू कर दी है.
दोषियों को पकड़ने के लिए प्रयास जारी हैं.
घटना पर सियासत भी शुरू हो गई है. ओडिशा कांग्रेस के नेता निरंजन पटनायक ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार को घेरा है. उन्होंने एक्स पर घटना का वीडियो पोस्ट किया और लिखा,
गंजम जिले में 2 युवा दलित लड़कों को अपमानित और प्रताड़ित किया गया. उनके सिर आधे मुंडे हुए थे. उन्हें 2 किलोमीटर तक घिसटने को मजबूर किया गया. घास खाने और सीवेज का पानी पीने के लिए मजबूर किया गया. ये सब किस लिए? सिर्फ अपनी बेटी की शादी के लिए गाय खरीदने की वजह से.
पटनायक ने आगे कहा कि नफरत को सामान्य बना दिया गया है. जातिगत हिंसा बढ़ रही है और ओडिशा में न्याय दूर की कौड़ी लगता है. उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी इस घटना पर चुप क्यों हैं.
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