उत्तर प्रदेश में सोनभद्र (Sonbhadra) जिले की एक खदान में पत्थर खनन के दौरान बड़ा हादसा हो गया. अचानक पहाड़ी का एक हिस्सा ढहकर खदान में काम कर रहे मजदूरों के ऊपर गिर गया. इस हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि करीब 15 लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका जताई जा रही है. रेस्क्यू के लिए मिर्जापुर से NDRF की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची है.
सोनभद्र में खनन के दौरान बड़ा हादसा, पहाड़ी ढहने से एक मजदूर की मौत, 15 फंसे
Sonbhadra Mining Collapse: इस हादसे को लेकर सवाल उठ रह हैं कि जिला प्रशासन और क्रशर एसोसिएशन, दोनों ने ही सबको बता दिया था कि 15 नवंबर को खनन का काम बंद रहेगा, तो फिर इस काम को किसने चलने दिया?
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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सोनभद्र के ओबरा थाना क्षेत्र में शनिवार, 15 नवंबर को यह हादसा हुआ. पुलिस ने बताया कि शाम करीब 3 बजे पहाड़ी का एक हिस्सा ढह गया, जिससे भूस्खलन हुआ और मलबे के बड़े-बड़े ढेर खदान क्षेत्र में आ गिरे. इससे खदान में काम कर रहे मजदूर मलबे के नीचे दब गए. जैसे ही इसकी सूचना पुलिस अधिकारियों को मिली, वे मौके पर पहुंच गए.
जिला मजिस्ट्रेट (DM) और स्थानीय पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और शुरुआती बचाव अभियान शुरू किया. घटनास्थल से एक मजदूर का शव बरामद किया गया है, जबकि करीब 15 लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है. रिपोर्ट के मुताबिक, खनन कंपनी का ठेकेदार मजदूरों का रोस्टर रजिस्टर लेकर फरार हो गया है, जिसकी वजह से यह पता लगाना मुश्किल है कि कितने मजदूर हादसे के वक्त काम कर रहे थे.
जिला मजिस्ट्रेट बीएन सिंह ने कहा,
हमें सूचना मिली है कि पत्थर की खदान के ऊपर पहाड़ी का एक हिस्सा ढहा है. मलबे में कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका है. हम मौके पर मौजूद हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. NDRF और SDRF भी मौके पर हैं. हादसे के पीछे के कारण का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी.
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उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री संजीव सिंह गौर ने इस घटना पर दुख जताया है. उन्होंने कहा,
यह घटना बेहद दुखद है. आज जब हम भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मना रहे थे, तब किसी की लापरवाही के कारण इतना बड़ा हादसा हो गया. इसकी जांच होनी चाहिए. हम पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिलाएंगे.
उन्होंने कहा कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मंत्री ने सवाल उठाया कि जिला प्रशासन और क्रशर एसोसिएशन, दोनों ने ही सबको बता दिया था कि 15 नवंबर को खनन का काम बंद रहेगा, तो फिर इस काम को किसने चलने दिया? उन्होंने कहा कि खनन विभाग को यह साफ करना चाहिए कि कौन सी खदानें आधिकारिक तौर पर बंद थीं और कौन सी उस समय चालू थीं.
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