पहलगाम में आतंकवादियों के हमले (Pahalgam Terrorist Attack) के बाद पाकिस्तान (Pakistan) पर गाज गिरी है. भारत ने सख्त कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौता स्थगित (Sindhu Water Treaty on hold) कर दिया है. पाकिस्तान पर भारत की यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है. टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, यह समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच तीन युद्धों तक बचा रहा था. इससे पहले भी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में इस समझौते को रद्द करने की बात उठी थी. लेकिन इस पर एक्शन पहली बार लिया गया है.
सिंधु जल समझौता: तीन जंगों के बाद भी बाकी था भरोसा, पहलगाम हमले ने वो भी तोड़ डाला!
भारत ने पहलगाम में आतंकी हमले के बाद बड़ा एक्शन लिया है. पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया गया है. हालांकि, समझौते के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तीन युद्ध लड़े गए थे. तब यह समझौता भारत के सख्त एक्शन के सिलसिले से बचा रहा.

भारत सरकार के इस फैसले का मतलब है कि पश्चिमी नदियों - सिंधु, झेलम और चिनाब तथा उनकी सहायक नदियों से पानी का प्रवाह तुरंत रोक दिया जाएगा. बांधों या फिर इन नदियों पर बनी छोटी-बड़ी संरचनाओं की मदद से पानी की धारा को नियंत्रित किया जाएगा. हालांकि प्राकृतिक चैनलों से नदियों का प्रवाह जारी रहेगा. भारत के इस कदम से प्रचंड गर्मियों में पाकिस्तान के 4 में से 2 राज्यों में सिंचाई और पीने के पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी.
1960 में हुआ था समझौताभारत और पाकिस्तान के बीच 19 सितंबर 1960 को वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. भारत की ओर से तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान की तरफ से तत्कालीन राष्ट्रपति अय्यूब खान ने इस समझौते पर सिग्नेचर किए थे. इसके तहत भारत से पाकिस्तान की ओर बहने वाली 6 नदियों- सिंधु, झेलम, चेनाब, रावी, ब्यास और सतलुज को 2 हिस्सों में बांटा गया था. रावी, ब्यास, सतलुज पर भारत को अधिकार कर दिया गया. वहीं, सिंधु, झेलम और चेनाब का ज्यादातर पानी पाकिस्तान को मिलता है.

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तीन युद्ध झेल गया समझौतायह समझौता होने के बाद 1965, 1971 और 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच तीन जंगें लड़ी गईं. इसके अलावा पुलवामा, पठानकोट और मुंबई पर आतंकवादी हमले जैसी घटनाएं भी हुईं. हर बार यह मांग उठी कि सिंधु जल समझौते को रद्द कर पाकिस्तान का पानी बंद कर दिया जाए. लेकिन किसी भी सरकार ने मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए इस पर एक्शन नहीं लिया. अब पहलगाम में 28 पर्यटकों की आतंकवादियों द्वारा हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. देश और दुनिया के तमाम बड़े नेताओं ने इसकी निंदा की है. हमले में पाकिस्तानी हाथ सामने आने के बाद से ही भारत सरकार पर पड़ोसी देश के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का दबाव था.
बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की सुरक्षा समिति की मीटिंग हुई. इसमें पाकिस्तान पर 5 बड़े एक्शन का एलान किया गया. इसमें सिंधु जल समझौता रद्द करना, पाकिस्तानियों का सार्क (SAARC) वीजा रद्द करना, अटारी बॉर्डर बंद करना, पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को भारत छोड़ने के लिए कहना और पाकिस्तान उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या घटाना शामिल है.
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