स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में एक एडवाइजरी जारी की थी. इसमें कहा गया था कि देशभर के सभी केंद्रीय संस्थान एक बोर्ड लगाएंगे (Advisory issued by Health Ministry) जिसमें कॉमन स्नैक्स में पाए जाने वाले ऑयल और शुगर कॉन्टेंट के बारे में बताया जाएगा. जैसे ही ये खबर सामने आई, मीडिया में बताया गया कि सरकार समोसा, जलेबी और लड्डू पर वॉर्निंग लेबल लगाएगी. इन रिपोर्ट्स को अब सरकार ने भ्रामक, गलत और निराधार बताया है. साथ ही कहा है कि ये एडवाइजरी भारत के स्नैक्स और स्ट्रीट फूड कल्चर को टारगेट करने के लिए नहीं है.
समोसा, जलेबी पर लगेगा वॉर्निंग लेबल? सरकार ने सब साफ कर दिया है
मंत्रालय ने कहा कि सरकार की इस एडवाइजरी में वेंडरों द्वारा बेचे जाने वाले फूड प्रोडक्ट्स में किसी भी तरह के वॉर्निंग लेबल लगाने की बात नहीं कही गई है.

PIB की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सरकार की ये एडवाइजरी वर्क प्लेस पर लोगों को हेल्दी फूड चॉइस बनाने के लिए है. इसमें लॉबी, कैंटीन, कैफेटेरिया, मीटिंग रूम जैसी जगहों पर बोर्ड लगाने की सलाह दी गई है. इन बोर्ड में अलग-अलग फूड आइटम में पाए जाने वाले हिडेन फैक्ट्स और शुगर के बारे में बताया जाएगा. सरकार को उम्मीद है कि इससे इन फूड आइटमों के बारे में जागरूकता बढ़ेगी. ये बोर्ड मोटापे से लड़ने के लिए लोगों को डेली रिमाइंडर के रूप में काम करेंगे.
मंत्रालय ने कहा कि सरकार की इस एडवाइजरी में वेंडरों द्वारा बेचे जाने वाले फूड प्रोडक्ट्स में किसी भी तरह के वॉर्निंग लेबल लगाने की बात नहीं कही गई है. ना ही भारत में बेेचे जाने वाले स्नैक्स और भारत के स्ट्रीट फूड कल्चर को टारगेट करने का उद्देश्य है. सरकार ने बताया कि ये एडवाइजरी लोगों को हिडेन फैट और शुगर के बारे में जागरूक करने के लिए है जिससे कि वो अपने फूड बिहेवियर में बदलाव ला सकें.
सरकार की एडवाइजरी में स्वास्थ्य से जुड़े कई और संदेश भी होंगे. जैसे कि फलों, सब्जियों और कम फैट वाले विकल्पों को चुनना. इसके साथ ही फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाने का मैसेज भी होगा. मसलन सीढ़ियों के उपयोग को प्रोत्साहित करना, एक्सरसाइज के लिए छोटे ब्रेक लेना और पैदल चलना. सरकार की ये पहल मंत्रालय के नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ नॉन कम्युनिकेबल डिसीज (NP-NCD) के तहत ली गई है.
मोटापे से जूझ रहा देशसरकार ने देश में बढ़ते मोटापे को लेकर गहरी चिंता जताई है. आशंका है कि 2050 तक 44.9 करोड़ से ज्यादा भारतीय ओवरवेट या मोटापे से ग्रस्त होंगे. अगर ऐसा हुआ तो मोटापे के में भारत अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे स्थान पर होगा. पहले से ही, पांच में से एक शहरी युवा ओवरवेट से जूझ रहा है. खराब खान-पान और कम एक्सरसाइज की वजह से बच्चों में भी मोटापे की समस्या बढ़ रही है.
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