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संजय राउत ने सर्वदलीय डेलिगेशन को 'बारात-नौटंकी' बताया, शरद पवार ने कह दी बड़ी बात

NCP (SP) अध्यक्ष Sharad Pawar ने जोर देकर कहा कि लोकल पॉलिटिक्स को अंतरराष्ट्रीय स्टेज पर नहीं लाना चाहिए. यह राय उन्होंने Sanjay Raut के ऑल-पार्टी डेलिगेशन को 'बारात' और 'नौटंकी' बताने वाले बयान पर दी.

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शरद पवार (बाएं) ने संजय राउत (दाएं) के सर्वदलीय डेलिगेशन वाले बयान पर अपनी राय दी. (PTI)
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ऋत्विक भालेकर

Sharad Pawar On Sanjay Raut Statement: ऑल-पार्टी डेलिगेशन को लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत की टिप्पणी से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार सहमत नहीं हैं. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर लोकल राजनीति से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है. उन्होंने जोर दिया कि देश की छवि को मजबूती देने के लिए सभी पक्षों को एकजुट होकर काम करना चाहिए.

दरअसल, संजय राउत ने शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र ‘सामना’ में केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए ऑल-पार्टी डेलिगेशन की तुलना 'बारात' से की है. इसके अलावा उन्होंने रविवार, 18 मई को मीडिया से बात करते हुए विदेश जा रहे डेलिगेशन को 'नौटंकी' करार दिया था. हालांकि, शरद पवार ने इससे इतर अपनी राय रखी है.

इंडिया टुडे से जुड़े ऋत्विक भालेकर की रिपोर्ट के मुताबिक, बारामती में मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने कहा,

"जब अंतरराष्ट्रीय मुद्दे सबसे आगे हों, तो किसी को पार्टी लाइन पर स्टैंड नहीं लेना चाहिए. केंद्र ने कुछ आठ या नौ डेलिगेशन बनाए हैं और उन्हें कुछ देश आवंटित किए गए हैं. डेलिगेशन यह बताने के लिए है कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान जो कर रहा है, उसे लेकर भारत का क्या रुख है."

उन्होंने आगे कहा,

"संजय राउत जो भी कहना चाहते हैं, उन्हें कहने का अधिकार है. लेकिन शायद (डेलिगेशन में) उनकी पार्टी की एक सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी हैं. मेरा स्टैंड स्थानीय राजनीति को अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में नहीं लाना है."

पवार ने यह भी याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ने जो डेलिगेशन भेजा था, उसमें वे भी शामिल रहे हैं. इस डेलिगेशन का नेतृत्व उस समय की विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता अटल बिहारी वाजपेयी कर रहे थे. उस दौरान वाजपेयी नेता प्रतिपक्ष थे. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में पार्टी के आधार पर फैसले नहीं लिए जाते हैं.

भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में दुनिया को बताने के लिए सात डेलिगेशन बनाए हैं. इनमें 51 राजनेता, सांसद और पूर्व मंत्री शामिल हैं. NCP-SP से सुप्रिया सुले और Shivsena-UBT से प्रियंका चतुर्वेदी भी इसमें शामिल हैं. सातों डेलिगेशन अलग-अलग देशों में जाकर आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे 'ऑपरेशन सिंदूर' पर भारत का पक्ष रखेंगे.

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