कर्नाटक सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच राज्य के मंत्री सतीश जारकीहोली का बयान चर्चा में है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कांग्रेस आलाकमान से इस मुद्दे पर जल्द से जल्द स्थिति साफ करने को कहा है. उन्होंने कहा कि वो जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने का समय मांगेंगे.
कर्नाटक सरकार का संकट बाहर आ ही गया, मंत्री ने सिद्दारमैया, शिवकुमार सबका सच बता दिया
Karnataka Minister Satish Jarkiholi ने कहा कि उपमुख्यमंत्री शिवकुमार की मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा है. उन्होंने पहले दिन से ही ये बात सभी को बता दी थी. लेकिन पार्टी आलाकमान ने सिद्दारमैया को मौका दिया.


कर्नाटक में लोक निर्माण विभाग संभाल रहे सतीश जारकीहोली ने बुधवार, 26 नवंबर को मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री शिवकुमार की मुख्यमंत्री बनने की ‘महत्वाकांक्षा’ है. उन्होंने पहले दिन से ही ये बात सभी को बता दी थी. लेकिन पार्टी आलाकमान ने सिद्दारमैया को मौका दिया. जारकीहोली ने कहा कि अब नेतृत्व परिवर्तन पर पार्टी आलाकमान को फैसला लेना है.
सतीश जारकीहोली के मुताबिक, सिद्दारमैया ने भी कहा है कि आलाकमान को इस मसले पर जल्द से जल्द कोई फैसला ले लेना चाहिए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा, "जब मुख्यमंत्री ऐसा कहते हैं, तो पार्टी के सीनियर नेताओं को इस पर ध्यान देना चाहिए." हालांकि जब सतीश से पूछा गया कि क्या विधायक इसके लिए सहमत हैं तो जवाब में उन्होंने कहा कि फिलहाल पार्टी में ऐसी कोई चर्चा नहीं हो रही है.
ये पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस मामले को सुलझाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की, जारकीहोली ने कहा कि वो समय मांगेंगे और खरगे से मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा कर उन्हें अपनी राय बताएंगे. मंत्री ने कहा कि शिवकुमार ने कई लोगों से मुलाकात की है, कुछ उनके आवास पर और कुछ बाहर. उन्होंने ये भी कहा कि वो भी शिवकुमार से मिले थे.
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सतीश जारकीहोली को कर्नाटक कांग्रेस में सिद्दारमैया गुट का नेता बताया जाता है. इंडिया टुडे से जुड़े सगाय राज की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि सतीश और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच मंगलवार, 25 नवंबर की देर रात मुलाकात हुई थी. सतीश ने डीके शिवकुमार से कहा कि अगर आलाकमान डीके-सिद्दारमैया के बीच समझौते की स्पष्ट घोषणा कर दे, तो सारा भ्रम और मौजूदा संकट सुलझ सकता है. यानी अब सब कांग्रेस आलाकमान पर टिका हुआ है.
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