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कर्नाटक कांग्रेस में खटपट! डीके शिवकुमार के बिना सिद्दारमैया ने पार्टी विधायकों के साथ क्या मीटिंग की?

यह पहली बार नहीं है जब DK Shivakumar को कथित तौर पर किनारे किया गया है. बजट मीटिंग के समय भी CM Siddaramaiah ने अपने राजनीतिक सचिवों और अधिकारियों के साथ चर्चा की थी, लेकिन डिप्टी सीएम को शामिल नहीं किया गया था.

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कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (बाएं) और मुख्यमंत्री सिद्दारमैया (दाएंं). (PTI)
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सगाय राज
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29 जुलाई 2025 (Updated: 29 जुलाई 2025, 09:21 PM IST) कॉमेंट्स
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कर्नाटक की राजनीति में फिर हलचल मच गई है. मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने मंगलवार, 29 जुलाई को विधानसभा में अपने चेंबर में कांग्रेस विधायकों की एक अहम बैठक बुलाई. इस बैठक में 50 करोड़ रुपये के फंड को लेकर चर्चा हुई, लेकिन इस पूरी कवायद से उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार गायब रहे. ऐसे में एक बार फिर कर्नाटक कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान की चर्चा तेज हो गई है.

इंडिया टुडे से जुड़े सगाय राज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक में कांग्रेस विधायकों को बुलाया गया था और उन्हें उनके क्षेत्रों के विकास कार्यों के लिए 50 करोड़ रुपये की ग्रांट देने की बात की गई.

यह फंड कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला की विधायकों के साथ बैठक के बाद तय किया गया था. उस वक्त सिद्दारमैया और शिवकुमार दोनों नेताओं से बातचीत की गई थी और हाईकमान ने सलाह दी थी कि सभी नाराज विधायकों को विश्वास में लिया जाए.

लेकिन इसके बावजूद डिप्टी सीएम शिवकुमार को कथित तौर पर सीएम सिद्दारमैया और विधायकों की बैठक से दूर रखा गया. सूत्रों के मुताबिक, कई विधायकों ने कहा कि डिप्टी सीएम की गैरमौजूदगी ने उन्हें 'बेचैन' कर दिया है.

इस बीच, राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने सीएम का बचाव करते हुए कहा,

"मुख्यमंत्री विधायकों से जिलेवार मिलेंगे और उनसे बात करेंगे. विधायकों को 50 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं. अन्य निर्वाचन क्षेत्रों के मुद्दों और पार्टी के विकास पर भी चर्चा की जाएगी. यह कोई नई बात नहीं है. पिछले कार्यकाल में भी जब मैं प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष था, मुख्यमंत्री पार्टी कार्यालय आए थे और हमने सभी विधायकों से मुलाकात की थी."

उन्होंने आगे कहा,

“हम पांच साल की सरकार के बीच में हैं. अगले ढाई साल में क्या करना है, इस पर बात हो रही है. डिप्टी सीएम की तबीयत ठीक नहीं है, नहीं तो वे भी आते.”

हालांकि, डीके शिवकुमार की अपने विभागों से जुड़ी मीटिंग्स पहले से तय थीं, जिससे उनकी गैरहाजिरी पर और सवाल उठ रहे हैं.

यह पहली बार नहीं है जब डीके शिवकुमार को कथित तौर पर किनारे किया गया है. बजट मीटिंग के समय भी सीएम सिद्दारमैया ने अपने राजनीतिक सचिवों और अधिकारियों के साथ चर्चा की थी, लेकिन डिप्टी सीएम को शामिल नहीं किया गया था.

इस बार पार्टी ऑफिस की जगह सीधे सीएम का चेंबर चुना गया, जिसे पार्टी के अंदर कुछ लोग शिवकुमार को साइडलाइन करने की कोशिश मान रहे हैं. हालांकि, डीके शिवकुमार ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है और वे 29-30 जुलाई को अपने विभागों की समीक्षा बैठक करने में बिजी हैं.

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