जगद्गुरु संत तुकाराम महाराज के ग्यारहवें वंशज शिरीष महाराज मोरे ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है (Shirish Maharaj More suicide). पुलिस ने आशंका जताई कि शिरीष महाराज ने आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या की है. उनके कमरे से सुसाइड नोट भी मिला है. सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद उनका शव परिवार को सौंप दिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
संत तुकाराम के 11वें वंशज शिरीष महाराज की मौत, आत्महत्या का संदेह
एक रात पहले शिरीष महाराज घर के अपने कमरे में सोने गए. अगली सुबह वे बाहर नहीं आए तो परिवार के लोग उन्हें उठाने के लिए गए. लेकिन कई बार आवाज लगाने के बाद भी अंदर से कोई जवाब नहीं आया.
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इंडिया टुडे से जुड़े श्रीकृष्ण पांचाल की रिपोर्ट के मुताबिक, शिरीष महाराज मोरे ने 5 फरवरी को अपने घर में सुबह करीब 8.30 बजे आत्महत्या की. वे पुणे के देहू में परिवार के साथ रहते थे. मौत से पहले उन्होंने एक सुसाइड नोट भी लिखा, जो उनके कमरे से पुलिस को मिला है. सुसाइड नोट के हवाले से बताया गया है कि शिरीष वित्तीय संकट से गुजर रहे थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, एक रात पहले शिरीष महाराज घर के अपने कमरे में सोने गए. अगली सुबह वे बाहर नहीं आए तो परिवार के लोग उन्हें उठाने के लिए गए. लेकिन कई बार आवाज लगाने के बाद भी अंदर से कोई जवाब नहीं आया. कुछ देर और आवाज लगाने के बाद उन्होंने कमरे का दरवाजा तोड़ दिया. अंदर शिरीष अचेत पड़े थे. उन्हें अस्पताल ले जाया गया. वहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके बाद मामले की जानकारी देहरोड पुलिस को दी गई. जांच में ये जानने की कोशिश की जा रही है कि शिरीष ने कहीं किसी और वजह से तो खुदकुशी नहीं की.
शिरीष महाराज के परिवार में उनकी मां और पिता हैं. उनका निगडी में एक इडली रेस्टोरेंट भी है. पिछले महीने उनकी सगाई हुई थी. इसी साल अप्रैल या मई में वे शादी के बंधन में बंधने वाले थे. लेकिन उससे पहले ही उनकी मौत होने से परिवार और देहुगांव के लोग सदमे में हैं.
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