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ट्रंप के प्रतिबंधों का असर दिखा, लागू होने से पहले ही घट गई भारत में रूसी तेल की सप्लाई

Russian Oil Import in India: ग्लोबल ट्रेड पर नजर रखने वाली कंपनी ने ये जानकारी दी है. ये तब हुआ है, जब अभी डॉनल्ड ट्रंप के लगाए प्रतिबंध लागू होने में कुछ दिन बाकी हैं.

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अमेरिकी सैंक्शन की घोषणा के बाद से रूस से तेल इम्पोर्ट में कमी आई है. (Photo: File/ITG)

अमेरिका के प्रतिबंधों के चलते भारत में रूसी तेल का आयात तेजी से घटा है. एक मीडिया रिपोर्ट में ग्लोबल ट्रेड पर नजर रखने वाली कंपनी के हवाले से इसकी जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों- रोसनेफ्ट और ल्यूक ऑयल पर अमेरिका की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने के बाद एक ही सप्ताह में भारत में रूस से कच्चे तेल के इम्पोर्ट में भारी गिरावट आई है.

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इंडियन एक्सप्रेस ने केप्लर के डाटा के हवाले से बताया कि 27 अक्टूबर तक समाप्त हुए सप्ताह में रूस से भारत को हर दिन औसतन 1.19 मिलियन बैरल कच्चा तेल एक्सपोर्ट किया गया. जबकि इससे पिछले 2 हफ्तों में यह 1.95 मिलियन बैरल प्रतिदिन था. मालूम हो कि केप्लर एक डाटा एनालिटिक्स कंपनी है, जो ग्लोबल ट्रेड और कमोडिटी मार्केट का रियल टाइम डाटा उपलब्ध कराती है.

21 नवंबर से लागू होगा प्रतिबंध

रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी यह शुरुआती आंकड़ा है. पूरी तस्वीर एक महीने में ही साफ हो पाएगी, लेकिन यह स्पष्ट है कि तेल कंपनियां अमेरिका के नए सैंक्शन को लेकर चिंतित हैं. इससे पहले अमेरिका ने 22 अक्टूबर को रोजनेफ्त और ल्यूक ऑयल पर सैंक्शन लगाने की घोषणा की थी. यह सैंक्शन 21 नवंबर से लागू हो जाएगा. रिपोर्ट की मानें तो भारतीय तेल कंपनियों को चिंता है कि अगर वह रूस से तेल खरीदना जारी रखती हैं तो उन पर सेकंडरी सैंक्शन भी लग सकता है.

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भारतीय तेल कंपनियों ने क्या कहा?

रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रिफाइनरी कंपनी HPCL-मित्तल एनर्जी ने पहले ही रूसी तेल आयात पर रोक लगाने की घोषणा कर दी है. वहीं भारत के सबसे बड़ा रिफाइनरी ग्रुप इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने कहा है कि वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा लगाए गए सभी प्रतिबंधों का पालन करेगी. हालांकि कंपनी ने इस पर सीधी टिप्पणी नहीं की है कि वह रूस से तेल खरीदना जारी रखेगी या नहीं. वहीं प्राइवेट तेल कंपनी RIL ने भी कहा कि वह प्रतिबंध से होने वाले प्रभावों का आकलन कर रही है. कंपनी ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर भारत सरकार की गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करेगी. बताते चलें कि RIL भारत में आयात कुल रूसी तेल का लगभग आधा हिस्सा अकेले खरीदती है.

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