महादेव बेटिंग ऐप घोटाले के मुख्य आरोपी रवि उप्पल UAE से फरार होने का दावा किया जा रहा है. सूत्रों के हवाले छपी रिपोर्ट्स के मुताबिक 6,000 करोड़ रुपये के इस घोटाले का आरोपी फिलहाल ‘गायब’ है और उसका कोई सुराग नहीं मिल रहा. रवि महादेव बेंटिंग ऐप का को-फाउंडर था. प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) इस मामले की जांच में पहले से लगी हुई हैं.
महादेव बेटिंग ऐप घोटाले का मुख्य आरोपी रवि उप्पल UAE से फरार?
रवि उप्पल को दिसंबर 2023 में UAE में अधिकारियों ने हिरासत में लिया था. लेकिन जल्दी ही उसे रिहा कर दिया गया. अक्टूबर 2024 में कंपनी के को-फाइंडर सौरभ चंद्राकर को इंटरपोल के रेड नोटिस पर गिरफ्तार किया गया. मगर वो जमानत पर छूट गया. अब उप्पल का अचानक गायब होना जांच एजेंसियों के लिए चुनौती है.


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक रवि उप्पल को दिसंबर 2023 में UAE में अधिकारियों ने हिरासत में लिया था. लेकिन जल्दी ही उसे रिहा कर दिया गया. अक्टूबर 2024 में कंपनी के को-फाइंडर सौरभ चंद्राकर को इंटरपोल के रेड नोटिस पर गिरफ्तार किया गया. मगर वो जमानत पर छूट गया. अब उप्पल का अचानक गायब होना जांच एजेंसियों के लिए चुनौती है. सूत्र बताते हैं कि वो UAE छोड़ चुका है और उसकी लोकेशन के बारे में किसी को नहीं पता.
भूपेश बघेल सरकार में उजागर हुआ घोटालामहादेव बेटिंग ऐप घोटाला छत्तीसगढ़ में पिछली भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में उजागर हुआ था. ED ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ के कई बड़े नेता और ब्यूरोक्रेट्स इस अवैध नेटवर्क और उसके फाइनेंशियल डीलिंग्स से जुड़े हुए थे.
इस मामले में ED मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच कर रही है. जबकि CBI ने छत्तीसगढ़ पुलिस से केस अपने हाथ में ले लिया है. जांच एजेंसी ने उप्पल, चंद्राकर और अन्य को आरोपी बनाया है. ED ने महादेव ऐप को एक “अम्ब्रेला सिंडिकेट” बताया है, जो बेटिंग के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को सुविधा देता है. ये ऐप यूजर एनरोलमेंट, यूजर आईडी क्रिएशन और बेनामी बैंक अकाउंट्स के नेटवर्क के जरिये बड़े स्केल पर मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा देता था.
ED के मुताबिक सट्टेबाजी से पैदा हुए फंड्स को मॉरीशस और दुबई के FPIs के जरिये भारतीय स्टॉक मार्केट में लाया जाता था. इन फंड्स का कथित तौर पर इस्तेमाल कुछ कंपनियों के स्टॉक के दाम को बढ़ाने में किया गया. इससे रिटेल इन्वेस्टर्स को फंसाया गया और कंपनी वैल्यूएशंस बूस्ट हुईं.
एजेंसी ने ये भी आरोप लगाया कि कंपनी से कमाए गए पैसों को शेल कंपनियों के माध्यम से भारत लाया गया. इस मामले में अब तक ED ने करीब 170 छापे मारे, और 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति को जब्त किया है. इनमें कैश, प्रॉपर्टीज, डीमैट अकाउंट्स और शेयरहोल्डिंग्स शामिल हैं.
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