नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ को लेकर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने एक रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट के मुताबिक़, प्रयागराज जाने वाली कुंभ स्पेशल ट्रेन के प्लेटफ़ॉर्म में बदलाव की घोषणा की गई, यही भगदड़ की वजह है. वहीं, भगदड़ के बारे में अधिकारियों को 40 मिनट की देरी से बताया गया, जिससे 18 जानें चली गईं.
40 मिनट देर से कॉल, प्लेटफॉर्म लास्ट समय में चेंज... RPF रिपोर्ट में दिल्ली भगदड़ की वजह क्या बताई गई?
NDLS stampede RPF inquiry report: भगदड़ मचने के बाद इमरजेंसी कॉल करने में 40 मिनट से ज़्यादा की देरी हुई थी. जिससे बाद 18 लोगों के मौत की ख़बर आई है. RPF की रिपोर्ट में क्या-क्या है?

ये इंक्वायरी रिपोर्ट इंस्पेक्टर रैंक के एक अधिकारी ने तैयार की है. अधिकारी ने 16 फ़रवरी को दिल्ली जोन के अपने सीनियर अधिकारियों को ये रिपोर्ट सौंपी गई है. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, रिपोर्ट में बताया गया है,
रात करीब 8.45 बजे घोषणा की गई कि प्रयागराज जाने वाली कुंभ स्पेशल ट्रेन प्लेटफ़ॉर्म नंबर 12 से रवाना होगी. लेकिन कुछ देर बाद एक और घोषणा की गई. इसमें बताया गया कि कुंभ स्पेशल ट्रेन प्लेटफ़ॉर्म नंबर 16 से रवाना होगी. इसी के कारण यात्रियों के बीच भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई.
रिपोर्ट के मुताबिक़, जब दूसरी घोषणा हुई, उस समय मगध एक्सप्रेस प्लेटफ़ॉर्म 14 पर खड़ी थी. उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस प्लेटफ़ॉर्म 15 पर खड़ी थी. प्लेटफ़ॉर्म 14 पर खड़ी मगध एक्सप्रेस को भी प्रयागराज से होकर जाना था. ऐसे में महाकुंभ जाने वाली भीड़ वहां भी खड़ी थी. इन सबके कारण यात्रियों की आवाजाही में समस्या आई.
रिपोर्ट में आगे कहा गया,
घोषणा सुनकर यात्री प्लेटफ़ॉर्म 12-13 और 14-15 से फुटओवर ब्रिज (FOB) 2 और 3 के ज़रिए सीढ़ियां चढ़ने की कोशिश करने लगे. वहीं, मगध एक्सप्रेस, उत्तर संपर्क क्रांति और प्रयागराज एक्सप्रेस के यात्री सीढ़ियों से उतर रहे थे. धक्का-मुक्की के बीच कुछ यात्री फिसलकर सीढ़ियों पर गिर गए और घायल हो गए. लेकिन अन्य यात्री सीढ़ियों पर चलने लगे.
रिपोर्ट बताती है कि इससे पहले, प्लेटफ़ॉर्म नंबर 12 से ट्रेन नंबर 12560 शिव गंगा एक्सप्रेस 8:05 मिनट पर रवाना हुई थी. इसके बाद स्टेशन पर अचानक यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी. जिसकी वजह से फुटओवर ब्रिज (FOB) 2 और 3 जाम हो गए. प्लेटफ़ॉर्म 12-13, 14-15 और 16 पर भी जाम जैसी स्थिति थी.

स्थिति का आकलन करने के बाद स्टेशन डायरेक्टर से ज़्यादा टिकट न बेचने को कहा गया. भीड़ बढ़ने की आशंका के चलते सावधानी बरतने की सलाह दी. साथ ही, प्लेटफ़ॉर्म और FOB पर पहुंचने के लिए कहा. स्टेशन डायरेक्टर को स्पेशल ट्रेन के भर जाने पर तुरंत उसे चलाने का आदेश देने के लिए कहा गया. इसके बाद जब कर्मचारी भीड़ को हटाने की कोशिश कर रहे थे, तभी कुंभ स्पेशल ट्रेन के प्लेटफ़ॉर्म में बदलाव की घोषणा कर दी गई.
भीड़ का आलम ये था कि जहां आमतौर पर औसतन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शाम 6-8 के बीच 7000 टिकट बुक होते हैं, वहीं इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भगदड़ वाली शाम यानी 15 फ़रवरी को इस दौरान 9600 टिकट बुक किए गए.
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इंडियन एक्सप्रेस ने नॉर्दर्न रेलवे के चीफ़ पब्लिक ऑफ़िसर (CPRO) हिमांशु शेखर उपाध्याय से भी बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कई विभागों से रिपोर्ट भेजने को कहा गया है. RPF उनमें से एक है. सभी से रिपोर्ट मिलने के बाद मंत्रालय की तरफ़ से गठित हाई लेवर कमेटी उनसे क्रॉस-क्वेश्चन करेगी. फिर अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचेगी.
CPRO हिमांशु शेखर उपाध्याय ने घटना के बारे में बताते हुए कहा,
40 मिनट देरीभीड़ को कंट्रोल करने के लिए हमने तुरंत प्रयागराज के लिए एक और ट्रेन की मांग की थी. जिसे प्लेटफ़ॉर्म नंबर 12 पर आने की घोषणा की गई थी. जैसे ही प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर इंतजार कर रहे यात्रियों ने घोषणा सुनी, वो अचानक सीढ़ियों और FOB पर चढ़ने लगे. चूंकि लोगों की संख्या बहुत ज़्यादा थी. इसलिए FOB को रोक दिया गया और इस दौरान सीढ़ियों पर भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट बताती है कि भगदड़ मचने के बाद इमरजेंसी कॉल करने में 40 मिनट से ज़्यादा की देरी हुई थी, जिससे बाद में 18 लोगों के मौत की ख़बर है. हालांकि, रेलवे, अग्निशमन अधिकारियों और दिल्ली पुलिस. इन तीनों के घटना के बताए समय में अंतर है. रेलवे ने आधिकारिक रूप से बताया कि भगदड़ रात 9.15 बजे हुई. वहीं, दिल्ली फ़ायर सर्विसेज ने बताया कि उन्हें दिल्ली पुलिस से पहली कॉल रात 9.55 बजे मिली. लेकिन इंडिया टुडे टीवी ने RPF की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि भगदड़ रात 8.48 बजे हुई और इसकी जानकारी ऑन-ड्यूटी स्टेशन इंचार्ज को दी गई.
वीडियो: NDLS भगदड़ के बाद अब प्लेटफॉर्म टिकट को लेकर बड़ा फैसला, स्टेशन का क्या हाल?