पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले में एक तालाब की सफाई के दौरान भारी-भरकम बोरे से सैकड़ों आधार कार्ड निकले. हाल ही में निर्वाचन आयोग ने देश के 12 राज्यों में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR करने की घोषणा की थी. इसके बाद से बंगाल में आत्महत्या से जुड़ी कई घटनाओं को SIR से जोड़ा गया. और अब बोरे से सैकड़ों आधार कार्ड निकले हैं. इसे लेकर राज्य में राजनीतिक घमासान छिड़ गया है.
SIR की घोषणा के बाद बंगाल में अजीब घटना, तालाब में मिले बोरे से निकले सैकड़ों आधार कार्ड
पश्चिम बंगाल भाजपा यूनिट ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया पर भी ये मुद्दा उठाया और आधार कार्ड के इस तरह फेंके जाने को संदिग्ध बताया. पार्टी ने सवाल उठाया है कि ऐसे दस्तावेज आखिर इस तरह कैसे फेंके गए.


इंडिया टुडे से जुड़े तापस सेनगुप्ता की रिपोर्ट के मुताबिक 5 नवंबर को ललितपुर गांव के कुछ निवासी तालाब की नियमित सफाई कर रहे थे. उसी दौरान उन्हें पानी में डूबा एक भारी बोरा दिखा. जब उसे बाहर निकाल कर खोला गया तो अंदर सैकड़ों आधार कार्ड भरे हुए थे. पुलिस के मुताबिक, ज्यादातर कार्डों पर दर्ज पते पास के हमीदपुर और पीला इलाके के लोगों के हैं.
मामला सामने आने के बाद कहा जाने लगा कि इस तरह इतनी बड़ी संख्या में आधार कार्ड मिलने से SIR प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं. स्थानीय प्रशासन ने कार्डों के गलती से फेंके जाने की संभावना को खारिज कर दिया है. अधिकारियों कहना है कि हो सकता है ये जानबूझकर किया गया हो. पुलिस ने सभी आधार कार्ड जब्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
रिपोर्ट के मुताबिक जांच में लगे अधिकारी अब ये पता लगा रहे हैं कि कार्ड तालाब में कैसे पहुंचे. स्थानीय लोगों से जानकारी जुटाई जा रही है. कार्डों की प्रमाणिकता की भी जांच हो रही है.
उधर इस मामले की वजह से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और BJP के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ता दिखा. BJP ने इसे SIR प्रक्रिया से जोड़ दिया है. स्थानीय भाजपा नेता देबब्रता मंडल ने कहा,
"SIR प्रक्रिया शुरू होने के तुरंत बाद आधार कार्ड बरामद होना निश्चित रूप से किसी गहरे रहस्य की ओर इशारा करता है. पार्टी लीडरशिप को इसकी जानकारी दी जाएगी."
पश्चिम बंगाल भाजपा यूनिट ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया पर भी ये मुद्दा उठाया. उन्होंने आधार कार्ड के इस तरह फेंके जाने को संदिग्ध बताया. पार्टी ने वोटर लिस्ट रिवीजन में पारदर्शिता और राज्य सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की है. विपक्षी दल ने सवाल उठाया कि ऐसे दस्तावेज आखिर इस तरह कैसे फेंके गए.
वहीं तृणमूल विधायक तापन चटर्जी ने मौके पर पहुंचकर आधार कार्ड मिलने की बात स्वीकार की. उन्होंने कहा,
"हमें नहीं पता कि ये आधार कार्ड यहां किसने फेंके. हो सकता है कि ये डुप्लिकेट कार्ड हों, जिन्हें पहले बनाया गया था, लेकिन बाद में अधिकारियों ने इस प्रैक्टिस को बंद कर दिया."
इसके बाद चटर्जी ने SIR प्रक्रिया से जुड़े विवाद की जिम्मेदारी भाजपा पर डाल दी.
बता दें कि इलेक्टोरल रोल को अपडेट करने के लिए चल रही SIR प्रक्रिया 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित की जा रही है. चुनाव आयोग ने कहा है कि मतदाता सूचियों में सटीकता सुनिश्चित करने के लिए ये चुनाव से पहले की एक जरूरी प्रक्रिया है.
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