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अग्निवीर योजना को रिव्यू कर रहीं हैं तीनो सेनाएं! ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदली रणनीति

समय-समय पर Armed Forces द्वारा Agniveer स्कीम को रिव्यू किया जाता रहा है. 2022 में जब से ये स्कीम आई तब से Indian Army में Soldier, Indian Air Force में Airmen और Indian Navy में Sailors की भर्ती इसी के जरिए की जा रही है.

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लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए रिहर्सल करते इंडियन नेवी और एयरफोर्स के जवान (PHOTO-India Today/PTI)

ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद भारत की तीनों सेनाएं अग्निवीर स्कीम (Agniveer Scheme) का फिर से मूल्यांकन कर रही हैं. सेनाएं इस बात पर ध्यान दे रही हैं कि तीनों फोर्सेज यानी आर्मी (Indian Army), नेवी(Indian Navy) और एयरफोर्स (Indian Air Force) में तकनीकी रूप से ट्रेंड लेकिन युवा सैनिकों की संख्या बढ़ती रहे. कुल मिलाकर बात ये है कि सेनाएं इस स्कीम के जरिए फोर्सेज की औसत उम्र कम रखना चाहती हैं जिससे देश को एक यंग सेना मिल सके.

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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि समय-समय पर सेनाओं द्वारा अग्निवीर स्कीम को रिव्यू किया जाता रहा है. 2022 में जब से ये स्कीम आई तब से इंडियन आर्मी में सिपाही, एयरफोर्स में एयरमेन और इंडियन नेवी में सेलर्स की भर्ती इसी के जरिए की जा रही है. हालांकि इस स्कीम में होने वाले संभावित बदलावों पर सेनाओं और सैन्य मामलों के विभाग (Department Of Military Affairs) के बीच चर्चा हुई है, लेकिन अभी तक किसी भी बड़े बदलाव को मंजूरी नहीं मिली है.

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पटियाला में अग्निवीर भर्ती के दौरान कैंडिडेट्स (PHOTO- India Today/PTI)

एक्सप्रेस ने अपने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद अग्निवीरों को और अधिक संख्या में रिटेन करने पर विचार किया जा रहा है. इन सैनिकों को चार सालों की उनकी ट्रेनिंग, अनुभव और काबिलियत के आधार पर रिटेन किया जाएगा. सेनाओं ने ये पाया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अग्निवीरों ने बहुत ही शानदार तरीके से और बिना कोई गलती किए अपना काम किया. यही वजह है कि रिटेंशन की संख्या बढ़ाने की बात चल रही है. वर्तमान में सभी सैनिकों में से 25 प्रतिशत को ही रिटेन किया जाने का नियम है. अग्निवीर का पहला बैच चार साल यानी 2026 के अंत में पूरा होगा. इस समय तक ही अग्निवीर स्कीम में बदलाव किए जा सकते हैं.

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फिलहाल सेना में रिटेंशन के प्रतिशत को लेकर मंथन जारी है. चर्चाएं हैं कि इंफैंट्री के लिए 70 से 75 प्रतिशत सैनिकों को रिटेन करने की बात चल रही है. इसके अलावा एयर डिफेंस, सिग्नल्स और इंजीनियर्स कोर जैसे स्पेशल स्किल्स वाले जवानों के लिए 80 प्रतिशत अग्निवीर रिटेन किए जा सकते हैं. साथ ही स्पेशल फोर्सेज के लिए 100 प्रतिशत जवानों को रिटेन किए जाने की संभावना है. लेकिन सेनाएं इस बात को लेकर भी सजग हैं कि रिटेंशन का प्रतिशत बढ़ने पर अग्निवीरों की औसत उम्र में बहुत अधिक वृद्धि न होने पाए. इन प्रतिशतों पर सेना के भीतर अभी भी चर्चा चल रही है. अंतिम प्रस्ताव को सरकार के पास भेजे जाने से पहले आर्मी कमांडर्स की मीटिंग में इस पर आगे विचार किया जाएगा.

हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि इंडियन नेवी और एयरफोर्स भी रिटेंशन बढ़ाने का प्रस्ताव रखेगी या नहीं. एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने साल 2024 में कहा था कि अग्निवीरों पर भारतीय वायु सेना की प्रतिक्रिया बहुत पॉजिटिव रही है. उन्होंने कहा था, 

हमसे पूछा गया कि क्या हम 25 प्रतिशत से अधिक अग्निवीर शामिल कर सकते हैं, और हमने सहमति दी.

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दूसरी तरफ नौसेना के सूत्रों ने बताया कि जब पहला बैच चार साल पूरे कर लेगा, तो इस योजना के तहत सेलर्स के रिटेंशन प्रतिशत को बढ़ाने पर भी विचार किया जा सकता है. साल 2025 की शुरुआत में, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी कहा था कि अग्निवीरों की छुट्टी देने वाली नीतियों को नियमित सैनिकों के बराबर बनाने और हताहत होने पर मिलने वाले लाभ और भत्तों में सामंजस्य स्थापित करने पर भी विचार चल रहा है. उन्होंने तकनीकी रूप से कुशल लोगों की भर्तियों की आवश्यकता का भी जिक्र किया और ऊपरी आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 साल करने की संभावना पर भी बात की.

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