आपको मुन्नाभाई MBBS को वो सीन तो याद होगा कि जब मुरली प्रसाद शर्मा की जगह मेडिकल एग्ज़ाम देने के लिए डॉक्टर रुस्तम को ही भेज दिया जाता है. फिर मुरली एग्ज़ाम में टॉप करता है. NEET Exam से जुड़ा ठीक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां दो भाइयों ने एक साल के अंतर पर एग्ज़ाम क्रैक किया. लेकिन जब मामले में शिकायत हुई तो पता चला एडमिट कार्ड पर दो अलग-अलग कैंडिडेट का एक ही फोटो है.
मुन्नाभाई वाला सीन, लेकिन असली में! NEET एग्जाम में ‘भाई’ बैठा और ‘दूसरा भाई’ डॉक्टर बना
दोनों के स्कोर कार्ड में बिल्कुल सेम फोटो है. शर्ट का कलर और चेक डिज़ाइन भी एक जैसा है. पुलिस का कहना है कि यह साफतौर पर नकल का मामला लग रहा है. एक कैंडिडेट को जयपुर पुलिस ने 4 जून की देर रात एम्स के हॉस्टल के कमरे से हिरासत में लिया है.

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी साल मई महीने में राजस्थान पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) को एक लिखित शिकायत मिली थी. शिकायत में नकली पहचान का सहारा लेकर एडमिशन लेने का आरोप लगाया गया था. इसमें कैंडिडेट, जो AIIMS जोधपुर में एडमिशन पाने में कामयाब हुआ था, असल में खुद एग्ज़ाम में नहीं बैठा था. उसकी जगह उसके कज़िन भाई ने एग्ज़ाम दिया था. SIT ने अब मामले को जयपुर शहर पुलिस को सौंप दिया है.
पुलिस का कहना है कि उन्हें पूरा शक है कि आरोप सही हैं. पुलिस के सामने दो स्कोर कार्ड हैं. एक रोल नंबर 390361794 है. यह अजीत गोरा का है. इसके स्कोर कार्ड पर नीली चेक शर्ट में कैंडिडेट की फोटो है. इसका रिज़ल्ट 5 जून 2019 को आया था. उसे 720 में से 578 नंबर मिले थे. ऑल-इंडिया लेवल पर 13718 रैंक आई थी. इसके बूते उसे वह फिलहाल भरतपुर के एक मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है.
वहीं, दूसरा स्कोर कार्ड ठीक अगले साल का है. यह कार्ड उसके चचेरे भाई सचिन गोरा का है. उसका रोल नंबर 3901001410 है, जिसका रिज़ल्ट 16 अक्टूबर 2020 को आया था. उसने 720 में से 667 नंबर स्कोर किए. रैंक मिली 1443. वह फिलहाल एम्स जोधपुर में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक, दिलचस्प बात यह है कि दोनों के स्कोर कार्ड में बिल्कुल सेम फोटो है. शर्ट का कलर और चेक डिज़ाइन भी एक जैसा है. पुलिस सूत्रों ने NDTV को बताया कि यह साफतौर पर नकल का मामला लग रहा है. सचिन और अजीत दोनों कैंडिडेट्स से पुलिस पूछताछ कर रही है. सचिन को जयपुर पुलिस की एक टीम ने बुधवार 4 जून की देर रात एम्स के हॉस्टल के कमरे से हिरासत में लिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों कैंडिडेट्स को जानने वाले भींवाराम गौरा की शिकायत के आधार पर पुलिस ने 15 मई को दोनों के खिलाफ FIR दर्ज की थी. उनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए हैं. उन पर राजस्थान सरकार की ओर से परीक्षा में गलत तरीकों का इस्तेमाल रोकने के लिए पारित एक कानून के तहत भी आरोप लगाए गए हैं.
कैंडिडेट्स के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले का कहना है कि वह ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं जो इस तरह डॉक्टर बन जाते हैं. इस तरह के लोग योग्य कैंडिडेट की सीटें छीनकर समाज का बड़ा नुकसान करते हैं. शिकायतकर्ता के वकील जगदीश कुलदीप ने NDTV से कहा कि पुलिस को इसके पीछे किसी बड़े रैकेट होने की भी जांच करनी चाहिए.
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