The Lallantop

युवराज की गंभीर जेनेटिक बीमारी, इलाज का खर्च 9 करोड़, परिवार ने सरकार से लगाई मदद की गुहार

Yuvraj Diagnose With Genetic Disease: जेनेटिक बीमारी से जूझ रहा है बच्चा. परिवार इलाज के लिए क्राउड फंडिंग कर रहा है. साथ ही उन्होंने सरकार से मदद करने की गुहार भी लगाई है. डॉक्टरों का कहना है कि अगर बच्चे का समय पर इलाज नहीं किया गया तो वह ज़्यादा वक्त तक जीवित नहीं रह पाएगा.

Advertisement
post-main-image
बच्चे को है जेनेटिक बीमारी. (फोटो- आजतक)
author-image
देव अंकुर

4 महीने का बच्चे एक ऐसी बीमारी से जूझ रहा है जिसके इलाज का खर्च नौ करोड़ रुपये बताया गया है. बीमारी का नाम स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (SMA) है. यह एक जेनेटिक बीमारी है. परिवार ने बच्चे के इलाज के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

Advertisement

आजतक की ख़बर के मुताबिक, मामला राजस्थान की राजधानी जयपुर के झोटवाड़ा इलाके का है. बच्चे का नाम युवराज है. परिवार इलाज के लिए क्राउड फंडिंग कर रहा है. साथ ही उन्होंने सरकार से मदद करने की गुहार लगाई है. परिवार के मुताबिक, डॉक्टरों ने कहा है कि अगर बच्चे का समय पर इलाज नहीं किया गया तो वह ज़्यादा वक्त तक जीवित नहीं रह पाएगा.

परिवार ने इंडिया टुडे को बताया कि बच्चे के पिता रेलवे में हेल्पर का काम करते हैं. परिवार आर्थिक रूप से इलाज का खर्च उठाने में सक्षम नहीं है. बच्चे की मां प्रियंका राय ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा,

Advertisement

पहले युवराज ठीक था लेकिन जब उसके हाथ-पैर हिलने बंद हो गए तो हमें लगा कि कुछ दिक्कत है. हमने कई डॉक्टरों से राय ली. उन्होंने बताया कि उसे स्पाइनल डिज़ीज़ है. हम चाहते हैं कि उसके इलाज के लिए कहीं से मदद मिले.  

पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी के जरिए बच्चे के लिए मदद की मांग की. बच्चे के चाचा आशीष राय ने कहा,

वह बहुत तकलीफ में है. ट्यूब 24 घंटे उसके शरीर से जुड़ी रहती है. डॉक्टरों ने हमें जल्द से जल्द इलाज की सलाह दी है. हम चाहते हैं कि सरकार और लोग उसका इलाज करवाने में हमारी मदद करें.

Advertisement

बच्चे की मां का कहना है कि डॉक्टर ने बोला है कि अगर नली के अलावा किसी दूसरे तरीके से बच्चे को खाना खिलाया तो उसे निमोनिया हो सकता है. 9 फरवरी को बच्चा चार महीने का हो जाएगा. जब से वह पैदा हुआ है उसकी नाक में नली लगी हुई है. 

क्या है स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी (SMA)

यह एक गंभीर बीमारी है. इसमें शरीर की मांसपेशियां कमज़ोर होती जाती हैं. इसमें चलने, बोलने, सांस लेने, रीढ़ की हड्डी में झुकाव और खाने में दिक्कत हो सकती है. यह एक जेनेटिक बीमारी है यानी यह पैरंट्स से बच्चे में आती है. इसमें एक खास जीन (SMN1) ठीक से काम नहीं करता. इसकी वजह से मांसपेशियों को कंट्रोल करने वाली नसें कमज़ोर होने लगती हैं. यह जन्म से ही हो सकती है या बाद में भी दिख सकती है.

वीडियो: PM Modi ने Mallikarjun Kharge पर क्या कहा जो पूरा सदन हंस पड़ा?

Advertisement