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'बाल्मीकि समुदाय से थे, रंग सांवला था फिर भी कांग्रेस ने... ', बूटा सिंह की बात कर फंस गए राजा वडिंग

Punjab Congress President Amarinder Singh Raja Warring के बयान पर हंगामा मच गया. AAP और BJP ने इसे दलित समुदाय की गरिमा पर हमला बताया. वहीं वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर भी उनकी खूब आलोचना हुई.

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पूर्व गृह मंत्री बूटा सिंह (बाएं) कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वडिंग (दाएं). (Photo: X/INC)

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, स्वर्गीय बूटा सिंह पर की गई टिप्पणी को लेकर विवादों में घिर गए हैं. उन्होंने कथित तौर पर एक रैली में पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे बूटा सिंह पर जातिसूचक टिप्पणी की. इस पर विपक्षी पार्टियों ने आपत्ति जताई और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से अमरिंदर सिंह को पार्टी से निकालने की मांग की. वहीं पंजाब के अनुसूचित जाति आयोग ने भी मामले में स्वत: संज्ञान लिया है. हंगामा बढ़ने पर अमरिंदर सिंह राजा ने अपने बयान पर बिना शर्त माफी मांगी है और कहा है कि बूटा सिंह उनके लिए पिता समान थे.

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अमरिंदर सिंह ने क्या कहा था?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने पंजाब के तरनतारन विधानसभा उपचुनाव के कैंपेन के दौरान एक रैली में बूटा सिंह को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कथित तौर पर कहा था,

बूटा सिंह, जो सिख धर्म से थे और बाल्मीकि समुदाय से आते थे, उनका रंग सांवला था और उनका बैकग्राउंड भी आम आदमी का था. इसके बावजूद, कांग्रेस ने उनकी योग्यता और सेवा को मान्यता देते हुए उन्हें देश का गृह मंत्री बनाया. गुरबाणी में भी लिखा है - “रंगरेटे गुरु के बेटे”, जो बताता है कि समर्पण और कर्म ही असली पहचान हैं, न कि जाति या रंग.

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बयान पर हंगामा

अमरिंदर सिंह राजा वडिंग का बयान सामने आने के बाद इस पर हंगामा मच गया. AAP और भाजपा जैसे विपक्षी दलों ने उनके इस बयान की निंदा करते हुए इसे दलित समुदाय की गरिमा पर हमला बताया. वहीं बयान का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर भी अमरिंदर सिंह राजा की खूब आलोचना हुई. मामले पर पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने भी एक्शन लेते हुए अमरिंदर सिंह को नोटिस भेजा है और उनसे 6 नवंबर तक लिखित में जवाब मांगा है. वहीं आयोग ने तरनतारन के रिटर्निंग ऑफिसर से भी 4 नवंबर तक घटना पर रिपोर्ट मांगी है.

कौन थे बूटा सिंह?

बूटा सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रमुख दलित चेहरा थे. वह राजीव गांधी और इंदिरा गांधी के करीबी माने जाते थे. बूटा सिंह 1986 से 1989 तक देश के गृह मंत्री थे. वहीं 2004 से 2006 तक बिहार के राज्यपाल थे. इसके अलावा 2007 से 2010 तक वह राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रहे. 2 जनवरी 2021 को उनका निधन हुआ था.

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बयान पर दी सफाई

विवाद बढ़ने के बाद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने वीडियो जारी कर अपने बयान पर सफाई दी है और माफी मांगी है. उन्होंने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि स्वर्गीय सरदार बूटा सिंह जी के प्रति गहरा सम्मान है. वे मेरे लिए पिता समान थे. मैं दोहराता हूं कि मेरा उनका कोई अनादर करने का इरादा नहीं था. अगर मेरे शब्दों से किसी को अनजाने में ठेस पहुंची है, तो मैं तहे दिल से और बिना शर्त माफी मांगता हूं.

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