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शिवाजी की मूर्ति तोड़ी, मस्जिद पर हमला, आगजनी-तोड़फोड़, पुणे में हो क्या रहा है?

26 जुलाई छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के साथ तोड़फोड़ की गई. इसका स्थानीय लोगों ने विरोध जताया. 31 जुलाई को बीजेपी विधायक ने कार्यकर्ताओं के साथ मोर्चा निकाला. 1 अगस्त को एक युवक ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट लिखी. और फिर बवाल हो गया.

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पुणे में हिंसा करने वाली भीड़ की तस्वीर.

महाराष्ट्र के पुणे में 1 अगस्त को दो गुटों में हिंसक संघर्ष देखने को मिला. दावा है कि सोशल मीडिया पर एक युवक ने कुछ आपत्तिजनक बातें लिखीं, जिसके बाद माहौल बिगड़ गया. पोस्ट के बाद एक धर्म से जुड़े लोगों के गुट ने इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी की. विवादित पोस्ट करने वाले आरोपी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.

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पुणे से आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि भीड़ ने इकट्ठा होकर नारेबाज़ी की. इसी दौरान भीड़ ने मस्जिद के ऊपर चढ़कर भगवा झंडा फहराया और मस्जिद पर पत्थरबाज़ी भी की. भीड़ ने इलाके में भी तोड़फोड़ और आगजनी की.

बताया जा रहा है कि पुणे के जिस इलाके में हिंसा हुई, वहां करीब हफ्ते भर से तनाव चल रहा था. आजतक के ओमकार वाबले की रिपोर्ट के मुताबिक बीती 26 जुलाई को नीलकंठेश्वर मंदिर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के साथ कथित तोड़फोड़ के बाद माहौल बिगड़ा. धर्म विशेष से जुड़े व्यक्ति ने मूर्ति तोड़ी. इस घटना के संदर्भ में पुणे पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ यवत पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया था.

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इस घटना से एक धर्म की भावनाएं आहत हुईं. आसपास के ग्रामीणों ने गांव पूरी तरह बंद रखकर सार्वजनिक रूप से इसका विरोध किया था. इसके अलावा 31 जुलाई को बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर इलाके में मोर्चा निकाला.

लेकिन आज सोशल मीडिया पोस्ट के बाद इलाके में तनाव बढ़ने की स्थिति बन गई. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुणे की दौंड तहसील के यवत में दो समूहों के बीच झड़प हो गई. इसके बाद पुलिस को कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा. अधिकारी ने कहा,

"उग्र भीड़ ने दूसरे समुदाय की इमारतों और संपत्तियों में तोड़फोड़ की, पथराव किया और एक मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया. भीड़ को तितर-बितर करने और कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए हमें आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. पोस्ट अपलोड करने वाले युवक को हिरासत में ले लिया गया है."

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वहीं पुणे ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह गिल ने बताया,

"यहां यवत गांव में दोपहर करीब 12 से 12:30 बजे के बीच पुलिस को जानकारी मिली कि एक युवक ने अपने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक स्टेटस लगाया. शिकायत मिलने के बाद उस युवक को थाने लाया गया और कार्रवाई शुरू की गई. कुछ गांववाले भी वहां पहुंच गए. हमारी पुलिस टीम ने गांव में शांति बनाए रखने के लिए गांव के प्रतिनिधियों के साथ बैठक शुरू की.

लेकिन तब तक सोशल मीडिया पर यह संदेश वायरल हो चुका था. चूंकि एक सप्ताह पहले गांव में एक घटना (मूर्ति तोड़ना) घटी थी, माहौल पहले से ही तनावपूर्ण था. इसी वजह से भावनाएं भड़क उठीं और कुछ ग्रामीण सड़कों पर उतर आए. कुछ युवकों ने एक ढांचे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. हालांकि, इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ. पुलिस प्रशासन ने तुरंत मौके पर पहुंचकर गांव में गश्त शुरू की है. फिलहाल गांव में स्थिति शांतिपूर्ण है."

इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी बयान आया है. उन्होंने कहा है,

"किसी बाहरी व्यक्ति ने एक आपत्तिजनक स्टेटस डाला था, जिसकी वजह से तनाव पैदा हुआ. फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. दोनों समुदायों के लोग अब साथ बैठकर बातचीत कर रहे हैं और तनाव को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं.

कुछ लोग जानबूझकर ऐसे स्टेटस डालते हैं ताकि माहौल खराब हो, लेकिन ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सिर्फ इसलिए कि कहीं कोई कार्यक्रम या सभा हुई, क्या इसका मतलब है कि कोई भी भड़काऊ स्टेटस डाल सकता है? किसी को भी किसी धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है. इसलिए यह कहना कि किसी कार्यक्रम की वजह से तनाव फैला, यह पूरी तरह गलत है."

मुख्यमंत्री और पुलिस की तरफ से ये भी बताया गया है कि फिलहाल क्षेत्र में पूरी तरह शांति है. स्थिति को सामान्य बनाने के लिए पर्याप्त पुलिसबल तैनात है.

वीडियो: मुहर्रम के जुलूस में इन जगहों पर हुई हिंसा, देखिए तस्वीरें

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