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निर्मला सीतारमण का 'साइन' दिखाकर रिटायर्ड LIC अफसर से करीब एक करोड़ की लूट

Pune Nirmala Sitharaman Sign Scam: वीडियो कॉल के दौरान उस व्यक्ति ने महिला पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया. उसने महिला को धमकी दी कि उनका बैंक अकाउंड फ्रीज कर दिया जाएगा. धमकी को और पुख्ता करने के लिए उन्हें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नकली साइन और एक सरकारी मुहर जैसा दिखने वाला एक जाली गिरफ्तारी वॉरंट भेजा.

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ठगी के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के फर्जी साइन का इस्तेमाल किया गया. (फोटो- इंडिया टुडे)
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ओंकार वाबळे

फर्जी साइन, डिजिटल अरेस्ट और किसी गंभीर अपराध में शामिल होने का दावा करना. किसी साइबर ठगी में इन चीजों का इस्तेमाल होना अब आम हो चला है. लेकिन क्या हो, अगर ये फर्जी साइन देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का हो. डिजिटल अरेस्ट किसी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की रिटायर्ड अधिकारी का हो. और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की नकली रसीद का इस्तेमाल करके धमकाया जाए!

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महाराष्ट्र के पुणे से ऐसा ही मामला सामने आया है. पीड़ित महिला कोथरूड की रहने वाली 62 साल की रिटायर्ड LIC अफसर हैं. उनसे करीब एक करोड़ रुपये की ठगी हो गई है. पुणे सिटी साइबर पुलिस ने बताया कि धोखाधड़ी अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में हुई.

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि महिला को एक व्यक्ति का फोन आया. उसने खुद के ‘डेटा प्रोटेक्शन एजेंसी’ का सीनियर अधिकारी होने का दावा किया. उसने आरोप लगाया कि महिला के आधार से जुड़े मोबाइल नंबर का इस्तेमाल अवैध लेनदेन के लिए किया गया है.

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इसके बाद, महिला को एक और व्यक्ति से जोड़ा गया. उसने खुद को जॉर्ज मैथ्यू नाम का पुलिस अधिकारी बताया. वीडियो कॉल के दौरान उस व्यक्ति ने महिला पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया. उसने महिला को धमकी दी कि उनका बैंक अकाउंड फ्रीज कर दिया जाएगा. धमकी को और पुख्ता करने के लिए उन्हें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नकली साइन और एक सरकारी मुहर जैसा दिखने वाला एक जाली गिरफ्तारी वॉरंट भेजा.

महिला को बताया गया कि उनकी उम्र के कारण ‘दूर से’ (डिजिटल अरेस्ट) उनकी निगरानी की जाएगी. और उन्हें निर्देश दिया गया कि वो अपनी सारी धनराशि वेरिफिकेशन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अकाउंट में ट्रांसफर कर दें. इस दावे पर विश्वास करके पीड़िता ने 99 लाख रुपये कई अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए. ये खाते ठाणे में मौजूद एक साइबर क्राइम नेटवर्क कंट्रोल कर रहा था.

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जालसाजों ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कथित तौर पर जारी एक नकली रसीद समेत कई और जाली दस्तावेज शेयर किए थे. लेकिन जब ​​महिला ने बाद में कॉल करने वालों से संपर्क करने की कोशिश की, तो उनके नंबर बंद थे. तब उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है और उसने पुणे सिटी साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

कोथरूड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है. साइबर विंग मामले की जांच कर रही है. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि अगर उन्हें ऐसे कॉल आते हैं तो घबराएं नहीं, स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क करें या अपने परिवार वालों को भी इस बारे में बताएं.

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