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पुणे पोर्श केस: नाबालिग आरोपी पर एडल्ट की तरह केस नहीं चलेगा, नशे में कार से दो लोगों को मारने का आरोप

Pune Porsche Case: नाबालिग आरोपी को पहले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड से बहुत आसान शर्तों पर बेल मिल गई थी. इस हादसे के 15 घंटे बाद ही बोर्ड ने 300 शब्दों का एक छोटा सा निबंध लिखने की शर्त पर नाबालिग आरोपी को जमानत की इजाजत दी थी.

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पुणे में पोर्शे की टक्कर से दो लोगों की मौत हो गई थी. (PTI)

Pune Porsche Crash Case: महाराष्ट्र के चर्चित पुणे पोर्श क्रैश मामले के नाबालिग आरोपी को बड़ी राहत मिली है. जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने उसे एडल्ट मानने से इनकार कर दिया है. यानी कार से टक्कर मार कर दो लोगों की जान लेने के आरोपी को नाबालिग मानते हुए केस चलाया जाएगा. आरोप है कि एक 17 साल के लड़के ने अपने पिता की पोर्शे से एक बाइक को टक्कर मारी थी. इससे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर- अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौके पर ही मौत हो गई थी.

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NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल पुणे पुलिस ने मुख्य आरोपी, जिसमें उसके परिवार के सदस्य भी शामिल थे, पर सबूत खत्म करने की कोशिश के आरोप में एडल्ट के तौर पर मुकदमा चलाने की इजाजत मांगी थी. मंगलवार, 15 जुलाई को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने इस मांग को ठुकराते हुए पुलिस की याचिका खारिज कर दी.

बोर्ड का कहना है कि हादसे के वक्त आरोपी लड़का नाबालिग था और 18 साल का नहीं हुआ था. उसकी उम्र 17 साल और 8 महीने थी. वो अपने दोस्तों के साथ एग्जाम खत्म होने की खुशी मना रहा था. उसने शराब पी थी और एक होटल में पार्टी की थी. दावा किया गया कि 90 मिनट में 48,000 रुपये का बिल बन गया था.

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इस केस में कई सवाल उठे-

  • पुलिस पर अहम सबूतों को जानबूझकर गलत तरीके से रखने का आरोप लगा, ताकि आरोपी को रिहाई मिल जाए.
  • पुलिस ने लड़के को हादसे के तुरंत बाद बर्गर खिलाया ताकि उसके शरीर से शराब का असर कम हो जाए.
  • मेडिकल जांच के लिए जो खून का सैंपल लिया गया, वो असली नहीं था. जांच में सामने आया कि वो खून लड़के की मां का था.
  • इसलिए लड़के की मां, कुछ डॉक्टर और अस्पताल के कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया गया था.

लड़के को पहले जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड से बहुत आसान शर्तों पर बेल मिल गई थी. इस हादसे के 15 घंटे बाद ही बोर्ड ने 300 शब्दों का एक छोटा सा निबंध लिखने की शर्त पर नाबालिग आरोपी को जमानत की इजाजत दी थी. इसकी काफी आलोचना हुई थी. बाद में उसे सुधारगृह भेजा गया, लेकिन हाई कोर्ट ने उसे फिर से घर भेज दिया.

इस हादसे में मारे गए अनीश के पिता ने कहा,

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"हमारा बेटा अब हमारे बीच नहीं है. कोई भी सजा हमारे नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती, लेकिन अगर न्याय मिले तो समाज में एक सख्त संदेश जाएगा कि पैसा और ताकत कानून से ऊपर नहीं है."

फिलहाल, आरोपी लड़के के पिता और डॉक्टर अजय तावड़े और श्रीहरि हलनोर, अस्पताल कर्मचारी अतुल घाटकांबले और दो बिचौलिए जेल में हैं. लेकिन लड़का अब भी अपने परिवार के साथ ही है.

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