बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के नोटिस पर पटना के चर्चित कोचिंग संचालक 'खान सर' ने बयान दिया है. खान सर ने कहा है कि उन्हें ‘मर जाना कबूल’ है, लेकिन वो आयोग से माफी नहीं मांगेंगे, क्योंकि आयोग एक ‘शिक्षक को अपराधी’ बता रहा है. उन्होंने कहा कि वो छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. साथ ही खान सर ने BPSC अध्यक्ष और सचिव का ’नार्को टेस्ट' कराने की मांग भी की.
"मर जाएंगे, माफी नहीं मांगेंगे", खान सर ने BPSC चेयरमैन के नार्को टेस्ट की मांग कर डाली
BPSC Protest: आयोग के नोटिस पर खान सर ने कहा कि वह माफी नहीं मांगेंगे. क्योंकि वह छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. और आयोग उन्हें अपराधी बता रहा है. जानिए आगे क्या कहा?
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न्यूज एजेंसी ANI से सोमवार, 13 जनवरी को बात करते हुए खान सर ने कहा,
"अध्यक्ष महोदय ने कई मीडिया चैनलों में कहा था कि वे नॉर्मलाइजेशन करेंगे. इसी को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए. इसके बाद उन्होंने दिल्ली, पटना, प्रयागराज समेत मेरे पांच सेंटरों को नोटिस भेजा. नोटिस में कहा गया कि हमने बच्चों को भड़काया है. छात्र केवल अपने अधिकारों के लिए संवैधानिक तरीके से मांग करने गए थे.
मैं एक शिक्षक होने के नाते उनके साथ गया था. इसके लिए आयोग ने नोटिस भेजकर कहा है कि वे हमारे ऊपर आपराधिक मामला दर्ज करेंगे. इसके लिए हमें माफी मांगनी पड़ेगी. लेकिन हम माफी नहीं मांगेंगे. दो साल जेल काट लेंगे. पर माफी नहीं मांगेंगे. एक शिक्षक को इस तरह कैसे कह सकते हैं? हम अपने लिए नहीं, बल्कि छात्रों के लिए गए थे."
खान सर ने आगे कहा,
"बिहार में गली-गली में चर्चा है कि सीटें बेची जा रही हैं. हमने केवल इस बात को दोहराया है. आयोग को भी स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है. रही बात माफी मांगने की तो आयोग को खुद माफी मांगनी चाहिए. नहीं तो पूरे मामले की नार्को टेस्ट जांच करानी चाहिए. मेरा भी नार्को टेस्ट हो. आयोग के अध्यक्ष का भी हो. पता चल जाएगा कि कौन सही कह रहा है और कौन गलत. मैं फिर कह रहा हूं कि मर जाना कबूल है, जेल जाना कबूल है, लेकिन माफी नहीं मांगूंगा.
अगर BPSC री-एग्जाम करा देता है, जो छात्र मांग कर रहे हैं, तो जो आयोग कहेगा, मैं वह करूंगा. हम इस नोटिस का जवाब देंगे और BPSC को भी नोटिस भेजेंगे. अब इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के पास जाएंगे. हाई कोर्ट में मामला पहले से ही चल रहा है."
छात्रों के बीच ‘नेतागिरी चमकाने’ के आरोप पर खान सर ने कहा कि इसके जिम्मेदार खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. अगर वे समय रहते मामले को संज्ञान में लेते, तो यह ठीक रहता. खान सर ने कहा कि कुछ दिन पहले NCL का मामला था, जिसमें मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया और मामला सुलझ गया.

BPSC ने 11 जनवरी को खान सर को लीगल नोटिस भेजा था. नोटिस में कहा गया कि खान सर ने आयोग पर जो टिप्पणी की है, वह न सिर्फ ‘अपमानजनक’ है, बल्कि 'निराधार' भी है. उन्होंने छात्रों को BPSC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए ‘उकसाया’, जिससे कानून व्यवस्था खराब हुई.
नोटिस में कहा गया है कि खान सर का यह काम ‘अनुचित और गैरकानूनी’ है. उन्होंने आयोग और उसके पदाधिकारियों के सम्मान को नुकसान पहुंचाया है. नोटिस में खान सर अफवाह फैलाने के लिए भी जिम्मेदार ठहराया गया है. आयोग ने कहा है कि वो 15 दिनों के भीतर बिना शर्त सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी.
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