The Lallantop

पंडित छन्नूलाल मिश्र नहीं रहे, 91 साल की उम्र में निधन

Chhannulal Mishra Death: भारतीय शास्त्रीय संगीत ने आज एक बड़ा सितारा खो दिया. प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का गुरुवार सुबह 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. वह बीते कुछ समय से बीमार चल रहे थे. प्रसिद्ध छन्नूलाल मिश्र कई विधाओं की गायकी में पारंगत थे. उन्हें पद्मविभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है.

Advertisement
post-main-image
पंडित छन्नूलाल मिश्र ने यूपी के मिर्जापुर में अंतिम सांस ली. (Photo: Facebook/Pt. Chhannulal Mishra)

प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र नहीं रहे. उनका गुरुवार, 2 अक्टूबर को सुबह 4 बजे के करीब निधन हो गया. वह 91 साल के थे और पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. उनके परिवार ने बताया कि उम्र से जुड़ी दिक्कतों के साथ उनके फेफड़ों में पानी भर गया था. कुछ दिनों पहले तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें BHU के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हाल ही में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई थी. इसके बाद से वो मिर्जापुर में थे, जहां उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली. आज वाराणसी में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement
कई गायन शैलियों के विद्वान

पंडित छन्नूलाल मिश्र भारतीय शास्त्रीय संगीत के दिग्गजों में से एक हैं. वह कई गायन शैलियों और घरानों की गायकी के विद्वान थे. लोक संगीत में भी उन्हें महारथ हासिल थी. वह ठुमरी, दादरा, कजरी, झूला, सोहर और होली के गीत गाने के लिए देश-विदेश में मशहूर थे. राग रागिनियां के पक्के गानों में वह उस्ताद थे. रामकथा के प्रसंग हों या बनारसी अंदाज में सोहर गाना, सुनने वाले उनकी गायकी से भाव-विभोर हो उठते थे. उनकी खास बात थी कि अपने अनोखे अंदाज वाली गायन शैली और रसीली व्याख्या से वह लोगों के दिलों तक संगीत की धार पहुंचा देते थे.

channulal mishr
(Photo: Facebook/Pt. Chhannulal Mishra)
जन्म और शिक्षा

पंडित छन्नूलाल मिश्र का जन्म 3 अगस्त 1936 को यूपी के आजमगढ़ में हुआ था. उनके दादा गुदई महाराज शांता प्रसाद एक प्रसिद्ध तबला वादक थे. छन्नूलाल मिश्र ने छह साल की उम्र में अपने पिता बद्री प्रसाद मिश्र से संगीत की बारीकियां सीखीं थीं. इसके बाद उनके पहले गुरु उस्ताद गनी अली साहब ने उन्हें संगीत की शिक्षा दी थी.

Advertisement
पुरस्कार और सम्मान

पंडित छन्नूलाल मिश्र को उनकी गायकी और शास्त्रीय संगीत में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया. उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मविभूषण और पद्मभूषण पुरस्कार दिया जा चुका है. इसके अलावा साल 2000 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने भी उन्हें यश भारती सम्मान से नवाजा था.

modi channulal mishr
(Photo:  Facebook/Pt. Chhannulal Mishra)

यह भी पढ़ें- भाजपा के दिग्गज विजय कुमार मल्होत्रा का निधन, मनमोहन सिंह को हराने वाले नेता थे

पंडित छन्नूलाल मिश्र का पीएम मोदी से भी खास कनेक्शन रहा है. साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने पहली बार वाराणसी से चुनाव लड़ा था, तब पंडित छन्नूलाल मिश्र ही उनके प्रस्तावक बने थे. अब उनका इस दुनिया से जाना भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है.

Advertisement

वीडियो: गेस्ट इन द न्यूजरूम: 'PM मोदी योग करते वक्त मेरा संगीत सुनते हैं' विश्व मोहन भट्ट ने रोचक किस्से सुनाए

Advertisement