यूनियन रोड, ट्रांसपोर्ट और हाईवे मंत्री नितिन गडकरी ने E20 फ्यूल को लेकर सोशल मीडिया पर उठ रही चिंताओं पर कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ एक सुनियोजित ‘पेड कैंपेन’ चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना है. नितिन गडकरी ने इन आलोचनाओं को सिरे से खारिज करते हुए तथ्यों से परे बताया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस कदम को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर चुका है.
'E20 पेट्रोल का विरोध मेरे खिलाफ पेड कैंपेन था', नितिन गडकरी का बड़ा दावा
गाड़ियों की स्क्रैपिंग के मुद्दे पर गडकरी ने कहा कि अगस्त 2025 तक लगभग तीन लाख वाहनों को स्क्रैप किया जा चुका है. जिनमें 1.41 लाख सरकारी वाहन शामिल हैं.


65वें SIAM वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए गडकरी ने कहा,
"सोशल मीडिया पर मेरे खिलाफ पेड कैंपेन चलाया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी है. इसमें कोई तथ्य नहीं था."
उन्होंने आगे कहा,
“हर जगह कोई न कोई लॉबी होती है, और आप भी किसी न किसी लॉबी के हिस्सा होते हो. सोशल मीडिया पर कुछ प्रचार हो रहा है, कुछ लोग इसे बढ़ावा दे रहे हैं. पेट्रोल लॉबी बहुत अमीर और ताकतवर होती है.”
बता दें कि ये मामला E20 फ्यूल से जुड़ा है. E20 फ्यूल में 80% सामान्य पेट्रोल और 20% इथेनॉल होता है. इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल होता है, जो स्टार्च और शुगर से बनता है. अगर इसे पेट्रोल में मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है, तो ये पर्यावरण के लिए अच्छा फ्यूल माना जाता है.
भारत सरकार E20 पेट्रोल को बढ़ावा दे रही है, ताकि प्रदूषण कम हो और तेल के आयात पर निर्भरता घटे. सोशल मीडिया पर गडकरी पर लगे आरोपों के बीच 6 सितंबर को कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गडकरी और उनके परिवार पर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि गडकरी के बेटे इथेनॉल के कारोबार से खूब मुनाफा कमा रहे हैं, जबकि गडकरी मंत्री होने के नाते इसी से जुड़ी पॉलिसी बनाते हैं.
कांग्रेस का कहना है कि गडकरी के परिवार को इस पॉलिसी का सबसे ज्यादा फायदा हुआ है. पवन खेड़ा ने सरकार से कई सवाल पूछे. मसलन, ‘एथेनॉल से किसानों को कितना फायदा हुआ? पेट्रोल और डीजल फिर भी महंगा क्यों है? अगर E20 बढ़ावा देना पब्लिक पॉलिसी है, तो इसका फायदा सिर्फ गडकरी के बेटों को ही क्यों मिल रहा है?'
इन सभी आरोपों का जवाब देते हुए नितिन गडकरी ने कहा,
“मेरे खिलाफ जो भी बातें हो रही हैं, वो एक राजनीतिक कैंपेन है. ये मुझे निशाना बनाने के लिए चलाया गया है. ये पेड कैंपेन था, इसलिए इस पर ध्यान नहीं देना चाहिए.”
प्रदूषण को लेकर उन्होंने कहा,
"दुनिया इस बात पर सहमत है कि प्रदूषण को कम करना होगा. एक रिपोर्ट में पाया गया है कि यदि प्रदूषण का ये स्तर जारी रहा तो दिल्ली के निवासियों के जीवन के 10 वर्ष कम हो जाएंगे."
सोशल मीडिया पर ये भी दावे किए गए थे कि E20 फ्यूल से गाड़ियों का माइलेज कम होता है. साथ ही पुराने वाहनों के इंजन पर असर पड़ता है. मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक इन दावों को लेकर गडकरी ने कहा,
“सभी टेस्टिंग एजेंसियों ने पुष्टि की है कि इसमें कोई समस्या नहीं है."
ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) पहले ही E20 फ्यूल के इस्तेमाल को लेकर ग्रीन सिग्नल दे चुकी है. गडकरी ने जोर देकर कहा कि सरकार E20 प्रोग्राम और फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों के माध्यम से स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है..
वहीं, गाड़ियों की स्क्रैपिंग के मुद्दे पर गडकरी ने कहा कि अगस्त 2025 तक लगभग तीन लाख वाहनों को स्क्रैप किया जा चुका है. जिनमें 1.41 लाख सरकारी वाहन शामिल हैं. उन्होंने आगे कहा कि वित्त मंत्री के साथ हुई चर्चा में पुरानी कारों को स्क्रैप करके नई कार खरीदने वालों को GST में छूट देने का प्रस्ताव रखा गया है.
वीडियो: नितिन गडकरी ने सरकार को विषकन्या क्यों बताया?