बांग्लादेश में जिस कट्टरपंथी छात्र नेता उस्मान हादी की मौत पर देशभर में हिंसा भड़की है, उसके भाई ने बांग्लादेश की सरकार पर ही उसकी हत्या कराने का आरोप लगाया है. उस्मान हादी के भाई शरीफ उमर हादी ने दावा किया कि मुहम्मद युनूस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में शामिल एक गुट ने अगले साल होने वाले आम चुनाव को टालने के लिए जानबूझकर हादी की हत्या करवाई है.
'यूनुस सरकार ने कराई है हत्या', उस्मान हादी के भाई ने किया दावा
Bangladesh Osman Hadi Death: बांग्लादेश में कट्टरपंथी यह अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि उस्मान की मौत के पीछे भारत या उसकी खुफिया एजेंसियों का हाथ था. कट्टरपंथी इसके जरिए भारत के खिलाफ नफरत का माहौल बनाना चाहते हैं. लेकिन उस्मान हादी के भाई ने इसके पीछे खुद बांग्लादेश की सरकार का हाथ होने का आरोप लगा दिया है.


बांग्लादेशी मीडिया द डेली स्टार के मुताबिक इंकलाब मंच द्वारा आयोजित "शहीदी शपथ" कार्यक्रम में बोलते हुए उस्मान हादी के भाई उमर हादी ने कहा,
यह आप (सरकार) ही हैं, जिन्होंने उस्मान हादी की हत्या करवाई, और अब आप इसे एक मुद्दा बनाकर चुनाव को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
मालूम हो कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी यह अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि उस्मान की मौत के पीछे भारत या उसकी खुफिया एजेंसियों का हाथ था. कट्टरपंथी इसके जरिए भारत के खिलाफ नफरत का माहौल बनाना चाहते हैं. लेकिन उस्मान हादी के भाई ने इसके पीछे खुद बांग्लादेश की सरकार का हाथ होने का आरोप लगा दिया है. उमर ने यह भी अपील की कि बांग्लादेश में होने वाले चुनाव तय तारीख यानी फरवरी 2026 में हो जाएं. कहा कि उसका भाई भी यही चाहता था. उमर ने अधिकारियों से चुनाव के माहौल को खराब न करने का भी अनुरोध किया. उसने कहा,
विदेशी एजेंट के सामने नहीं झुकाहत्यारों पर जल्द से जल्द मुकदमा चलाएं, ताकि चुनाव का माहौल खराब न हो. सरकार हमें कोई ठोस प्रगति दिखाने में नाकाम रही है. अगर उस्मान हादी को न्याय नहीं मिला, तो एक दिन आपको भी बांग्लादेश से भागना पड़ेगा.
उमर हादी ने यह भी दावा किया कि उसके भाई की हत्या इसलिए की गई, क्योंकि उसने विदेशी एजेंट के सामने घुटने टेकने से इनकार कर दिया. उमर ने सरकार को उस्मान के हत्यारों की पहचान करने और गिरफ्तार करने के इंकबाल मंच का अल्टीमेटम भी याद दिलाया, जिसमें सरकार को 30 दिन का समय दिया गया है. मालूम हो कि उस्मान हादी इंकलाब मंच का ही संयोजक था. यह एक कट्टर इस्लामी संगठन माना जाता है.
इससे पहले इंकलाब मंच के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने हत्यारों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए सरकार को 30 दिन का अल्टीमेटम दिया था. जाबेर ने आरोप लगाया कि हत्या के जरिए जुलाई में हुए विद्रोह की उपलब्धियां और बांग्लादेश की संप्रभुता को खत्म करने के लिए एक गहरी साज़िश चल रही है. बताते चलें कि उस्मान हादी को 12 दिसंबर को तीन हमलावरों ने सिर में गोली मार दी थी. उन्हें पहले ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर रखा गया. फिर बेहतर इलाज के लिए 15 दिसंबर को एयर एम्बुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया. सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने बताया कि डॉक्टरों ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, इसके बावजूद हादी को बचाया नहीं जा सका.
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अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए हादी की मौत की घोषणा की. उन्होंने हमलावरों को पकड़ने का वादा किया. शनिवार, 20 दिसंबर को सरकार ने देश में राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया. 19 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद सभी धार्मिक स्थानों पर विशेष प्रार्थना का ऐलान किया. हालांकि इस बीच हादी की मौत की खबर फैलते ही ढाका में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. शाहबाग चौराहे पर प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और न्याय की मांग की. प्रमुख अखबारों, मसलन प्रथम आलो और डेली स्टार के दफ्तरों में आग लगा दी गई. कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी की खबरें भी सामने आईं. चटगांव समेत अन्य शहरों में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. कुछ प्रदर्शनकारियों ने एंटी-इंडिया नारे लगाए और भारतीय मिशनों पर पत्थर फेंके.
वीडियो: उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़की, भारत सतर्क














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