जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नौगाम थाने में हुए बम धमाके के पीड़ितों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की आतंकी गतिविधियों ने कश्मीर घाटी के सभी लोगों को बदनाम कर दिया है. उन्होंने आगे कहा कि हालात ऐसे हो गए हैं कि अब दिल्ली में जम्मू-कश्मीर की नंबर प्लेट की गाड़ी लेकर चलना भी जुर्म जैसा समझा जाता है.
'दिल्ली में जम्मू-कश्मीर की गाड़ी चलाना भी जुर्म जैसा...', CM उमर अब्दुल्ला खुद भी डरते थे
Delhi Car Blast पर CM Omar Abdullah ने कहा कि इस घटना में चंद लोग शामिल हैं, लेकिन इसमें सभी कश्मीरियों को लपेटने की कोशिश की जाती है. उन्होंने कहा कि अब कश्मीरी मां-बाप शायद ही अपने बच्चों को कश्मीर के बाहर भेजें.


बुधवार, 19 नवंबर को सीएम उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर के उजाला सिग्नस अस्पताल का दौरा किया. नौगाम पुलिस स्टेशन धमाके के घायल पीड़ितों से मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली कार ब्लास्ट पर भी बात की. सीएम ने कहा,
"कल (18 नवंबर 2025) मैंने नॉर्थ जोन चीफ मिनिस्टर कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, नॉर्थ जोन के सभी राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री और सभी केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और प्रशासक से गुजारिश की कि जम्मू-कश्मीर के हर शख्स, खासकर कश्मीरी मुसलमानों को शक की नजर से ना देखें. नौगाम धमाके और खासकर दिल्ली ब्लास्ट के कसूरवारों को सख्त सजा मिले, लेकिन बेगुनाहों को परेशान ना किया जाए."
दिल्ली कार बम धमाके में शामिल ज्यादातर डॉक्टरों का ताल्लुक कश्मीर से है. इनमें हरियाणा के फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉ. मुजम्मिल गनाई और डॉ. उमर उन नबी शामिल हैं. इस पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चंद लोग इसमें शामिल हैं, लेकिन इसमें सभी कश्मीरियों को लपेटने की कोशिश की जाती है.
उन्होंने आगे कहा,
दिल्ली में जो हुआ, चंद लोग उसके लिए जिम्मेदार हैं. लेकिन ऐसे हालात पैदा करने की कोशिश की गई कि हम सब कसूरवार हैं. हम सब इसमें मिले हुए हैं. आज दिल्ली में जम्मू-कश्मीर के रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ी चलाना भी एक जुर्म के तौर पर समझा जाता है. जब मेरे पास अपने ज्यादा सिक्योरिटी वाले नहीं होते, तो मैं खुद सोचता था कि गाड़ी निकालूं या ना निकालूं. पता नहीं कौन साइड करके रोकेगा और पूछेगा आप कहां से हो? क्या कर रहे हो?"
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसे हालात में शायद कश्मीरी मां-बाप अपने बच्चे-बच्चियों को कश्मीर से बाहर भेजना पसंद नहीं करेंगे. उन्होंने दावा किया कि हर तरफ से हमारे ऊपर शक की उंगली उठती है. सीएम उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि 2019 के बाद भी आतंकी हमले हो रहे हैं.
अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने जम्मू-कश्मीर के टुकड़े कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया. तब केंद्र ने दावा किया था कि सब ठीक हो जाएगा, लेकिन कुछ नहीं हुआ. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 30-35 साल में जम्मू-कश्मीर में, खासकर कश्मीर ने बहुत खून-खराबा देखा है. अब ये सिलसिला बंद होना चाहिए.
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