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हॉक फोर्स के प्रतिष्ठित इंस्पेक्टर आशीष शर्मा नक्सल ऑपरेशन में शहीद

Naxal Operation: मुठभेड़ में इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की जांघ और पेट में गोली लग गई, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए. छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उनकी मौत हो गई.

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भारत सरकार ने इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को दो बार वीरता पदक से सम्मानित किया था. (ITG/X)

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में नक्सलियों के खिलाफ एक ऑपरेशन में मध्यप्रदेश की हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा शहीद हो गए. मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के सीमावर्ती जंगल में इंस्पेक्टर आशीष गोली लगने से बुरी तरह घायल हो गए थे. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. आशीष शर्मा हॉक फोर्स के सबसे प्रतिष्ठित अधिकारियों में से एक थे. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहनलाल यादव ने उनकी शहादत पर दुख जताया है.

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इंडिया टुडे से जुड़े अतुल वैद की रिपोर्ट के मुताबिक, एंटी-नक्सल ऑपरेशन DG पंकज श्रीवास्तव ने इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की मौत की पुष्टि की है. घटना 19 नवंबर को राजनांदगांव क्षेत्र के घने जंगल में हुई. यहां बालाघाट हॉक फोर्स, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र पुलिस ने भारी हथियारों से लैस नक्सलियों के खिलाफ एक जॉइंट ऑपरेशन शुरू किया था. इंस्पेक्टर आशीष शर्मा पुलिस टीम को लीड कर रहे थे. तीनों राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्र के तहत आने वाले बोर तालाब के पास नक्सलियों और पुलिस के बीच गोलीबारी हुई. इसी दौरान आशीष को गोलियां लगी थीं.  

मुख्यमंत्री मोहनलाल यादव ने इंस्पेक्टर आशीष के बलिदान पर कहा,

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"आज मध्यप्रदेश हॉक फोर्स के निरीक्षक श्री आशीष शर्मा नक्सलियों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए. मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं. मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की संयुक्त टीम द्वारा छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के जंगलों में नक्सल-विरोधी ऑपरेशन के दौरान उन्होंने अभूतपूर्व वीरता और साहस का प्रदर्शन किया.

नक्सल उन्मूलन के राष्ट्रीय अभियान में उनका सर्वोच्च बलिदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा. उन्हें पूर्व में कर्तव्य के दौरान अदम्य साहस, असाधारण बहादुरी प्रदर्शित करने के लिए दो बार भारत सरकार द्वारा वीरता पदक से सम्मानित किया गया था."

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुठभेड़ में इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की जांघ और पेट में गोली लग गई, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयर लिफ्ट करके एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल ले जाने का इंतजाम था. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उनकी मौत हो गई. अधिकारियों ने नक्सलियों के भी मारे जाने की पुष्टि की है, लेकिन ऑपरेशन जारी रहने के कारण सटीक संख्या का पता नहीं चला है.

2016 में आशीष का चयन सब-इंस्पेक्टर के पद पर हुआ था. इससे पहले वे इंटेलिजेंस में आरक्षक के पद पर सेवाएं दे रहे थे. सब-इंस्पेक्टर बनने के बाद नक्सलियों का एनकाउंटर करने पर मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें बतौर इनाम आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन दिया. इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को भारत सरकार से दो वीरता पदक भी मिले थे. 

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आशीष शर्मा की शादी नहीं हुई थी. पारिवारिक दोस्तों ने बताया कि अगले साल जनवरी के लिए उनकी शादी तय हो गई थी.

आंध्र प्रदेश में 7 नक्सली मारे गए

यह घटना ऐसे समय पर हुई जब सुरक्षा बलों ने आंध्र प्रदेश में 18 नवंबर को 50 लाख के इनामी माओवादी नेता माडवी हिडमा को मार गिराया. आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के मारेड्डुमिल्ली और GM वालसा के जंगलों में 19 नवंबर को भी सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई. इसमें 7 नक्सली मारे गए.

आजतक की खबर के मुताबिक, यह कार्रवाई 18 नवंबर से चल रहे जॉइंट ऑपरेशन का हिस्सा है. राज्य के इंटेलिजेंस डीजी महेश चंद्र लड्डा ने बताया कि मारे गए 7 नक्सलियों में 4 पुरुष और 3 महिला नक्सली शामिल हैं.

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