ओडिशा (Odisha) के गजपति जिले से हैरान करने वाली एक खबर सामने आई है. आरोप है कि यहां एक चपरासी ने अपने एक सीनियर अधिकारी को पानी की जगह पेशाब पिला दिया. हालांकि, आरोपी ने इससे इनकार किया है. पुलिस ने चपरासी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है.
चपरासी ने अफसर को पिलाया पानी, गले में तगड़ा इंफेक्शन हो गया, लैब जांच में पता चला पेशाब थी
आरोप है कि चपरासी ने जानबूझकर अपने सीनियर अधिकारी को पेशाब वाला पानी पिला दिया. जबकि आरोपी ने इससे इनकार किया है. जानिये क्या है ये पूरा मामला?

मामला आर उदयगिरी इलाके में स्थित ग्रामीण जलापूर्ति एवं स्वच्छता (RWSS) कार्यालय का है. आरोपी का नाम सिबा नारायण नायक है. जूनियर इंजीनियर सचिन गौड़ की औपचारिक शिकायत के आधार पर चपरासी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने बताया है कि 23 जुलाई की रात को दोनों RWSS कार्यालय में देर रात तक काम कर रहे थे.
इंडिया टुडे से जुड़े अजय नाथ की रिपोर्ट के अनुसार, शिकायत में पीड़ित ने बताया है,
लगभग 10:00 बजे, मैंने अपने दो अन्य कर्मचारियों के साथ, स्टेनलेस स्टील की एक बोतल से पानी पिया जो कर्मचारी सिबा द्वारा SDO के क्वार्टर से लाई गई थी. पीने के कुछ ही देर बाद, हमें एक असामान्य गंध और स्वाद का एहसास हुआ, जिससे हमें पानी की क्वालिटी पर संदेह हुआ.
उसे एक पारदर्शी बोतल में रखकर बारीकी से उसका निरीक्षण किया गया. इससे स्पष्ट पता चला कि पानी दूषित है. उप-मंडल प्रयोगशाला में सैंपल की टेस्टिंग कराई गई. पता चला कि पानी में अमोनिया की सांद्रता 2 मिलीग्राम/लीटर से अधिक पाई गई, जिससे उसके दूषित होने के संकेत मिले.
आगे की जांच से पुष्टि हुई कि पानी में मूत्र था. पीने के बाद, मुझे गले में संक्रमण हो गया और मुझे इलाज कराना पड़ा. इन निष्कर्षों और परिस्थितियों से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि ये जानबूझकर किया गया था. मुझे नुकसान पहुंचाने की साजिश रची गई. ये मानवाधिकारों का भी गंभीर उल्लंघन है.
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद, सचिन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद आरोपी को हिरासत में लिया गया और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
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स्थानीय मीडिया संस्थान ओडिशा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी सिबा ने मामले पर प्रतिक्रिया दी है. उसने कहा है,
मैं एक्वा गार्ड से पानी लाया था. रात में सर (इंजीनियर) के लिए खाना लाने के बाद, मैंने खाने के साथ बोतल भी ले ली और उसे वहीं (जेई के कमरे में) रख दिया. मुझे नहीं पता कि इस बीच क्या हुआ.
मैंने ऐसा कुछ नहीं किया जैसा अधिकारी दावा कर रहे हैं. मैं असहाय हूं, इसलिए मैंने सब कुछ भगवान पर छोड़ दिया है.
संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस आगे की जांच कर रही है.
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