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हादसों पर हादसे... नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ पर बोला विदेशी मीडिया, उठाए तीखे सवाल

NDLS Stampede: विदेशी मीडिया ने कुंभ में भगदड़ के पुराने हादसों के बारे में लिखा है. पिछले दो सालों में हुई गंभीर रेल दुर्घटनाओं के आंकड़े भी बताए गए हैं.

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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोगों की भीड़. (तस्वीर: PTI)

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ (NDLS Stampede) में 5 बच्चों समेत कम से कम 18 लोगों की मौत हुई है. 15 फरवरी की रात को प्रयागराज में लगे महाकुंभ मेले में जाने के लिए स्टेशन पर भारी भीड़ जमा हो गई थी. हादसे के बाद प्रत्यक्षदर्शियों और घायलों ने इससे जुड़ीं कई दर्दनाक कहानियां बताईं. हादसे के बाद प्लेटफॉर्म पर जूते और चप्पलों का अंबार लग गया था. विदेशी मीडिया ने भी इस घटना को बड़े स्तर पर रिपोर्ट किया है.

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यूनाइटेड किंगडम के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान द गार्जियन ने लिखा कि महाकुंभ का भीड़ से जुड़े हादसों का इतिहास रहा है. उन्होंने लिखा है,

पिछले महीने की एक दुर्घटना (कुंभ मेले) में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी. गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर भगदड़ मच गई थी. 1954 में इस मेले में एक ही दिन में 400 से अधिक लोग कुचले जाने या डूब जाने से मारे गए थे. ये घटना दुनिया भर में भीड़ से जुड़ी सबसे बड़ी आपदाओं में से एक थी. इससे पहले 2013 में मेले का आयोजन हुआ था. उस साल भी 36 लोग कुचलकर मारे गए थे.

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अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी इसे रिपोर्ट किया है. उन्होंने स्थानीय मीडिया के हवाले से लिखा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ इसलिए बढ़ गई थी क्योंकि कुंभ जाने वाली ट्रेनें लेट चल रही थीं. उन्होंने आगे लिखा,

भारतीय रेलवे ने बताया कि उन्होंने भीड़ को कम करने के लिए बाद में अतिरिक्त ट्रेनें चलाईं. कुंभ में आने वाली भारी भीड़ को मैनेज करना भारत सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है.

ये भी पढ़ें: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे में बढ़ी मृतकों की संख्या, 5 बच्चों समेत 18 लोगों की मौत

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कतर से संचालित होने वाले मीडिया संस्थान अलजजीरा ने लिखा कि लोगों की भारी भीड़ ट्रेनों में जबरदस्ती घुसने की कोशिश कर रही थी. उन्होंने एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से लिखा,

लोग प्लेटफार्मों पर दौड़ रहे थे और वहां अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गई थी, जिसके कारण लोग एक-दूसरे पर गिर रहे थे. 

अलजजीरा ने भारतीय रेलवे पर सवाल उठाते हुए लिखा,

दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे के पास है. पिछले दो साल में यहां गंभीर रेल दुर्घटनाएं हुई हैं. 2023 में हुई एक दुर्घटना (बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट) में कम से कम 288 लोग मारे गए थे.

ब्रिटिश मीडिया संस्थान BBC ने अधिकारियों के हवाले से लिखा कि दो ट्रेनें देरी से चल रही थीं. वहीं प्रयागराज जाने वाली तीसरी ट्रेन वहां से निकलने का इंतजार कर रही थी. धर्मेंद्र सिंह नाम के यात्री के हवाले से लिखा,

मैंने इस स्टेशन पर कभी इतनी भीड़ नहीं देखी. मेरे सामने ही छह या सात महिलाओं को स्ट्रेचर पर ले जाया गया.

BBC ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान को भी छापा. उन्होंने लिखा,

विपक्षी नेताओं ने सरकार की आलोचना की है और प्रशासनिक विफलता का आरोप लगाया है. विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि प्रयागराज जाने वाले लोगों को देखते हुए, स्टेशन पर बेहतर व्यवस्था की जानी चाहिए थी.

इन सभी रिपोर्ट्स में भारत में हुई रेल दुर्घटनाओं और कुंभ हादसों के बारे में प्रमुखता से लिखा गया है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने लिखा कि भारतीय रेलवे को 2 लाख करोड़ रुपये ज्यादा दिए गए हैं. क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेलवे कनेक्टिविटी को बढ़ाना चाहते हैं. लेकिन पिछले दो सालों में भारतीय रेलवे में कई गंभीर एक्सीडेंट्स हुए हैं. 

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