प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) पर चल रही बहस में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमले (Pahalgham Attack) का बदला 22 मिनट में ले लिया. पीएम मोदी ने बताया कि भारत ने तीन सूत्र तय किए हैं. पहला, अगर भारत पर आतंकी हमला हुआ तो हम अपने तरीके से अपनी शर्तों पर अपने समय पर जवाब देकर रहेंगे. दूसरा, कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल अब नहीं चलेगा. और तीसरा, हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग–अलग नहीं देखेंगे.
ऑपरेशन सिंदूर पर बोले पीएम मोदी, सीजफायर के दावे पर क्या कहा?
संसद में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बहस जारी है. मंगलवार, 29 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसका समर्थन भारत के वीर सैनिकों को नहीं मिला.
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पीएम मोदी ने अमेरिका के सीजफायर के दावे को खारिज किया और राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना कहा कि दुनिया के किसी नेता ने भारत को ऑपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा था.
विदेश नीति पर उठ रहे सवालों पर पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ तीन देशों को छोड़कर दुनिया भर के देशों ने भारत के अपनी सुरक्षा को लेकर लिए गए फैसले का खुलकर समर्थन किया. किसी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा में कार्रवाई करने से रोका नहीं है. विपक्ष को घेरते हुए मोदी ने कहा कि दुनिया के देशों का समर्थन मिला लेकिन ये दुर्भाग्य है कि मेरे देश के वीरों के पराक्रम को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला. प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर सेना के बताए तथ्यों को नजरअंदाज करके पाकिस्तान के झूठे प्रचार को फैलाने का आरोप लगाया.
–22 अप्रैल को मैं विदेश में था. वापस आकर तुरंत बैठक बुलाई. बैठक में साफ–साफ निर्देश दिए कि आतंकवाद को करारा जवाब देना होगा. ये हमारा राष्ट्रीय संकल्प है.
– हमें हमारे सैन्यबलों की क्षमता पर पूरा भरोसा है. सेना को कार्रवाई की खुली छूट दे दी गई. ये भी कहा गया कि सेना तय करे कब, कहां, कैसे, किस प्रकार से… ये सारी बातें उस मीटिंग में साफ–साफ कह दी गईं.
– हमें गर्व है कि आतंकियों को वो सजा दी और वो सजा ऐसी है कि आज भी आतंक के उन आकाओं की नींद उड़ी हुई है.
– मैं सेना की सफलता से जुड़े भारत के उस पक्ष को सदन के माध्यम से देशवासियों के सामने रखना चाहता हूं.
– पहला पक्षः पहलगाम हमले के बाद से पाकिस्तानी सेना को अंदाजा लग चुका था कि भारत कोई बड़ी कार्रवाई करेगा. उनकी तरफ से न्यूक्लियर की धमकी के बयान आने लगे थे.
– भारत ने 6 मई की रात और 7 मई की सुबह जैसा तय किया था वैसी कार्रवाई की और पाकिस्तान कुछ नहीं कर पाया. 22 मिनट में 22 अप्रैल का बदला निर्धारित लक्ष्य के साथ हमारी सेना ने ले लिया.
– दूसरा पक्षः लड़ाई तो कई बार हुई. पहली बार ऐसा हुआ. पहले जहां कभी नहीं गए थे, वहां हम पहुंचे. पाकिस्तान से कोने–कोने आतंकी अड्डों को धुआं–धुआं कर दिया गया. हमारी सेनाओं ने आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया.
– तीसरा पक्षः पाकिस्तान की न्यूक्लियर धमकी को हमने झूठा साबित कर दिया. भारत ने सिद्ध कर दिया कि न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग अब नहीं चलेगी और न ही इसके सामने भारत झुकेगा.
– चौथा पक्षः भारत ने दिखाई अपनी तकनीकी क्षमता. पाकिस्तान के एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचा. आज तक उनके कई एयरबेस आईसीयू में पड़े हैं.
– आज तकनीकी आधारित युद्ध का युग है. ऑपरेशन सिंदूर इस महारत में सफल सिद्ध हुआ है.
– पिछले 10 सालों में हमने जो तैयारियां की हैं, वो न की होतीं तो इस तकनीकी के युद्ध में हमारा कितना नुकसान हो सकता था इसका हम अंदाजा लगा सकते हैं.
– पांचवा पक्षः ऑपरेशन सिंदूर के दरम्यान पहली बार हुआ जब आत्मनिर्भर भारत की ताकत को दुनिया ने पहचाना. मेड इन इंडिया ड्रोन, मिसाइल ने पाकिस्तान के हथियारों की पोल खोलकर रख दी.
– जब राजीव गांधी जी थे, उस समय एक उनके डिफेंस का काम देखने वाले थे. जब मैंने सीडीएस की घोषणा की तो प्रसन्न होकर मुझसे मिलने आए थे. इस ऑपरेशन में नेवी, आर्मी और एयरफोर्स तीनों सेनाओं का जॉइंट एक्शन, इसके बीच की सिनर्जी ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए.
– आतंक की घटनाएं पहले भी देश में होती थीं लेकिन पहले आतंकवादियों के मास्टरमाइंड निश्चिंत रहते थे और आगे की तैयारी में लगे रहते थे. उनको लगता था कुछ नहीं होगा.
– अब स्थिति बदल गई है. अब हमले के बाद मास्टरमाइंड को नींद नहीं आती. उनको पता है कि भारत आएगा और मारकर जाएगा. ये ‘न्यू नॉर्मल’ भारत ने सेट कर दिया है.
– दुनिया ने देख लिया है कि हमारी कार्रवाई का दायरा कितना बड़ा है. सिंदूर से लेकर सिंधु तक पाकिस्तान पर कार्रवाई की है. ऑपरेशन सिंदूर ने तय कर दिया कि भारत में आतंकी हमले की उसके आकाओं को और पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. अब ऐसे नहीं जा सकते.
– 22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद तीन चार दिन में ही ये उछल रहे थे और कहना शुरू कर दिया. कहां गई छप्पन इंच की छाती. कहां खो गया मोदी. मोदी तो फेल हो गया. क्या मजा ले रहे थे. उनको लगता था कि वाह बाजी मार ली. उनको पहलगाम के निर्दोष लोगों की हत्या में अपनी राजनीतिक तलाशते थे.
– उनकी (कांग्रेस की) ये बयानबाजी ये छिछोरापन, देश के सुरक्षाबलों का मनोबल गिरा रहा था. कांग्रेस को न भारत के सामर्थ्य पर भरोसा है और न भारत की सेनाओं पर. इसलिए वो लगातार ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठा रहे हैं. ऐसा करके आप लोग मीडिया में हेडलाइन्स तो ले सकते हैं लेकिन देशवासियों के दिलों में जगह नहीं बना सकते.
– कुछ लोग सेना के तथ्यों की जगह पाकिस्तान से झूठ प्रचार को आगे बढ़ाने में जुटे हैं. जबकि भारत का रुख हमेशा से स्पष्ट रहा है.
– जब सर्जिकल स्ट्राइक हुआ तो उस समय हमने लक्ष्य तय किया था कि हम उनके इलाके में जाकर आतंकियों के जो लॉन्चिंग पैड हैं, उनको नष्ट करेंगे. सर्जिकल स्ट्राइक के एक रात के उस ऑपरेशन में हमारे लोग काम पूरा करके वापस आ गए.
– जब बालाकोट एयरस्ट्राइक किया तो हमारा लक्ष्य तय था कि आतंकियों के ट्रेनिंग सेंटर को तबाह करेंगे. हमने वो भी करके दिखा दिया.
– ऑपरेशन सिंदूर के समय हमारा लक्ष्य तय था और हमारा लक्ष्य था कि आतंक का जो एपीसेंटर और पहलगाम के आतंकियों को जहां से ट्रेनिंग मिली. उस पर हमला किया. हमने उनके नाभि पर हमला कर दिया.
– पाकिस्तान ने निर्लज्ज होकर आतंकवादियों के साथ खड़े रहने का फैसला किया.
– पाकिस्तान के डीजीएमओ ने फोन करके गुहार लगाई कि बस करो. बहुत मारा. इतनी मार झेलने की ताकत नहीं है.
– दुनिया के किसी नेता ने भारत को ऑपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा. उसी दौरान 9 मई की रात को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जी ने मुझसे बात करने का प्रयास किया. वो घंटे भर कोशिश कर रहे थे लेकिन मेरी सेना के साथ मीटिंग चल रही थी. मैं उनका फोन नहीं उठा पाया. बाद में मैंने कॉलबैक किया. मैंने पूछा कि आपका तीन चार बार फोन आ गया क्या बात है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान बहुत बड़ा हमला करने वाला है. मेरा जो जवाब था, जिनको समझ नहीं आता है उनको नहीं आएगा. मेरा जवाब था कि अगर पाकिस्तान का ये इरादा है तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा.
– अगर पाकिस्तान हमला करेगा तो हम बड़ा हमला करके जवाब देंगे. आगे हमारा एक वाक्य था. हम गोली का जवाब गोले से देंगे. ये 9 मई की रात की बात है. 9 की रात में और 10 की सुबह हमने पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को तहस–नहस कर दिया था. यही हमारा जवाब था और यही हमारा जज्बा था.
– ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है. पाकिस्तान ने फिर कोई हरकत की तो उसे करारा जवाब दिया जाएगा.
– भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है लेकिन कांग्रेस मुद्दों के लिए पाकिस्तान पर निर्भर होती जा रही है. कांग्रेस को पाकिस्तान से मुद्दे इम्पोर्ट करने पड़ रहे हैं.
– कांग्रेस वालों ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सेना से सबूत मांगे थे लेकिन देश का मूड देखा तो कहने लगे कि ये कौन सी बड़ी बात है. ये तो हमने भी की थी. एक ने कहा कि तीन सर्जिकल स्ट्राइक की थी. एक ने कहा कि 15 सर्जिकल स्ट्राइक की थी. जितना बड़ा नेता उतना बढ़ाकर बोलता था. एयर स्ट्राइक पर भी कांग्रेस ने फोटो मांगे थे. पाकिस्तान भी यही पूछता था तो ये भी यही पूछते थे.
– भारत ने तय कर लिया है कि पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते.
– पाकिस्तान के लिए नोटिस है. वो जब तक भारत के खिलाफ आतंकवाद रोकेगा नहीं. तब तक भारत एक्शन लेता रहेगा.
वीडियो: ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा से पहले क्यों भड़के स्पीकर?