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अचानक 75 मीटर सड़क जमीन में समा गई, प्रशासन बोला, किसानों ने मिट्टी खोदी इसलिए हादसा हुआ!

घटना सोमवार 13 अक्टूबर की है. अचानक सूखी सेवनिया रेलवे ओवरब्रिज (ROB) के पास बाईपास का लगभग 75 मीटर लंबा हिस्सा अचानक धंस गया. सड़क के नीचे बनी रिटेनिंग वॉल क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे पूरी सड़क धंस गई.

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गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ. (फोटो- PTI)

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक सड़क का करीब 75 मीटर का हिस्सा अचानक जमीन में धंस गया. गनीमत रही जिस समय ऐसा हुआ उस वक्त सड़क से कोई गाड़ी नहीं गुजर रही थी, वरना बड़ा हादसा हो सकता था. मामला ने तूल पकड़. फिर बात जवाबदेही की होने लगी तो पता चला कि यह सड़क MPRDC यानी मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के अधीन आती है. विभाग ने अपनी गलती तो मानी लेकिन घटना के लिए किसानों को जिम्मेदार ठहरा दिया.

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आजतक में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, घटना सोमवार 13 अक्टूबर की है. सूखी सेवनिया रेलवे ओवरब्रिज (ROB) के पास बाईपास का लगभग 75 मीटर लंबा हिस्सा अचानक धंस गया. सड़क के नीचे बनी रिटेनिंग वॉल क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे पूरी सड़क धंस गई. गनीमत यह रही कि उस समय वहां कोई गाड़ी नहीं थी, जिसकी वजह से किसी की जान नहीं गई. घटना के तुरंत बाद MPRDC और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पूरे क्षेत्र को बैरिकेड कर दिया. ट्रैफिक को दूसरी लेन से डायवर्ट किया गया.

Bhopal
घटना सोमवार 13 अक्टूबर की है.
MPRDC ने किसानों को दिया दोष

पूरे प्रकरण को लेकर मंगलवार 14 अक्टूबर की शाम MPRDC ने बयान जारी किया. बयान में कहा गया कि सड़क किसानों द्वारा मिट्टी खोदने की वजह से धंसी. बारिश के दौरान वाटर लीकेज की वजह से मिट्टी और ज्यादा कमजोर हो गई. किसानों द्वारा मिट्टी खोदने की वजह से पानी निकलने का रास्ता ब्लॉक हो गया. अंत में सड़क धंस गई. बयान में यह भी माना गया कि सड़क बनाने वाली कंपनी ने रिटेनिंग वॉल का काम तय मानकों के हिसाब से नहीं किया गया था. बेहद घटिया क्वॉलिटी का सामान इस्तेमाल किया गया था. मिट्टी भी ठीक ढंग से नहीं भरी गई थी.

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जांच के लिए कमेटी बनाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन सीनियर तकनीकी अधिकारियों की जांच कमेटी गठित कर दी गई है. कमेटी पूरे मामले पर 7 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी. मौके से मिट्टी के सैंपल लेकर सेंट्रल लैब में टेस्ट के लिए भेजे गए हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद निर्माण में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. वहीं, धंसे हुए हिस्से की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है. माना जा रहा है कि दस दिनों में काम पूरा हो जाएगा.

कंपनी को किया जा चुका है ब्लैकलिस्ट

गौरतलब है कि भोपाल ईस्टर्न बाईपास का निर्माण बी.ओ.टी. (टोल) योजना के तहत किया गया था. इसका काम हैदराबाद की ट्रांसट्रॉय प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सौंपा गया था. यह परियोजना 18 नवंबर 2010 को हुए कॉन्ट्रैक्ट के तहत 2012-13 में पूरी हुई थी. कॉन्ट्रैक्ट की अवधि 15 साल तय की गई थी. लेकिन 2020 में कंपनी की ओर से कॉन्ट्रैक्ट की शर्तें पूरी नहीं करने पर कॉन्ट्रैक्ट निरस्त कर दिया गया. कंपनी को तीन साल के लिए ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया था.

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