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पुतिन के भारत दौरे के बाद पहली बार पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप में बात हुई, क्या तय हुआ?

दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी में हुई प्रगति पर चर्चा की. साथ ही सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के निरंतर मजबूत होने पर संतोष व्यक्त किया.

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मोदी और ट्रंप आगे भी संपर्क में बने रहने पर सहमत हुए. (फोटो- PTI)

व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच बातचीत हुई है. गुरुवार, 11 दिसंबर को पीएम मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से टेलीफोन पर बात की. दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी में हुई प्रगति पर चर्चा की. साथ ही सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के निरंतर मजबूत होने पर संतोष व्यक्त किया.

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पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने दोनों देशोें के बीच व्यापार को बढ़ाने के साझा प्रयासों में गति बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया. नेताओं ने टेक्नोलॉजी, एनर्जी, डिफेंस और सिक्योरिटी के मुद्दे पर भी बात की. ये क्षेत्र 21वीं सदी के लिए भारत-अमेरिका COMPACT (कैटेलाइजिंग ऑपर्च्युनिटीज फॉर मिलिट्री पार्टनरशिप, एक्सेलरेटेड कॉमर्स एंड टेक्नोलॉजी) को लागू करने के केंद्र में हैं.

दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की. साथ ही साझा चुनौतियों का सामना करने और हितों को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग करने पर सहमति जताई. मोदी और ट्रंप आगे भी संपर्क में बने रहने पर सहमत हुए. 

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ये बातचीत दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताई जा रही है. पीएम मोदी ने इसे बहुत गर्मजोशी भरी और दिलचस्प बातचीत बताया. उन्होंने X पर पोस्ट किया,

“हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की और क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय विकास पर चर्चा की. भारत और अमेरिका वैश्विक शांति, स्थिरता तथा समृद्धि के लिए साथ मिलकर काम करते रहेंगे.”

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पीएम मोदी का पोस्ट.
CEA और विदेश मंत्री ने क्या बताया?

इस बीच, चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौता वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा हो जाएगा. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा,

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“मुझे आश्चर्य होगा अगर भारत-अमेरिका समझौता वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा न हो जाए. मैं उम्मीद कर रहा था कि नवंबर के अंत तक कुछ हो जाएगा. मैं आपसे सहमत हूं कि इससे निवेशकों की भावनाओं पर असर पड़ा है, और जैसे ही समझौता हो जाएगा, भारतीय बाजारों के कंधों से एक बड़ा बोझ उतर जाएगा.”

उधर, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि नई दिल्ली अमेरिका के साथ एक उचित व्यापार समझौते के लिए प्रयासरत है. लेकिन ये राष्ट्रीय हितों और किसानों, छोटे व्यापारियों तथा मध्यम वर्ग की भलाई से समझौता किए बिना किया जाएगा. उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष अपने-अपने व्यापारिक हितों के लिए लैंडिंग पॉइंट तलाशने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.

वीडियो: खर्चा पानी: PM मोदी के अमेरिकी दौरे से क्या फायदा होने वाला है?

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