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'मीडिया फेक न्यूज फैला रही', मनोज तिवारी ने 'डॉलर और रुपये' वाले वायरल बयान पर सफाई दी

पिछले कुछ दिनों से भोजपुरी सिंगर और बीजेपी सांसद Manoj Tiwari का एक बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल है. लोग सवाल उठाने लगे कि एक सांसद इतना बेबुनियाद और गैर जिम्मेदार बयान कैसे दे सकता है. बात मनोज तिवारी तक भी पहुंची, जिसके बाद एक वीडियो जारी कर उन्होंने इस मसले पर अपनी बात रखी है.

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मनोज तिवारी ने फेक न्यूज फैलाने वालों पर कार्रवाई की बात कही है. (एक्स ग्रैब)

‘हमारे देश के लोग अपनी जेब में रुपया लेकर घूमते हैं. रुपये से खरीददारी करते हैं. हमें डॉलर से कोई लेना देना नहीं है. डॉलर महंगा हो या सस्ता हमारे देश के लोगों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.’ पिछले कुछ दिनों से इस बयान को मशहूर भोजपुरी गायक और बीजेपी सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) के नाम से चलाया जा रहा था. कई बड़े मीडिया संस्थानों ने इसे चलाया वहीं विपक्ष के कुछ नेताओं ने भी इसको लेकर मनोज तिवारी को निशाने पर लिया. अब मनोज तिवारी से इस मामले में अपना पक्ष रखा है.

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पिछले कुछ दिनों से ये बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल है. लोग सवाल  उठाने लगे कि एक सांसद इतना बेबुनियाद और गैर जिम्मेदार बयान कैसे दे सकता है. बात मनोज तिवारी तक भी पहुंची, जिसके बाद एक वीडियो जारी कर उन्होंने इस मसले पर अपनी बात रखी है. मनोज तिवारी ने इस बयान को सिरे से खारिज करते हुए बताया कि उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया ही नहीं है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है. वीडियो के कैप्शन में लिखा है, 

मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है.. अगर इन्ही में से कोई #fakenews फैलाये तो विश्वसनीयता कैसे बचेगी..

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वीडियो में मनोज तिवारी ने कहा कि उनको लेकर फेक न्यूज फैलाया जा रहा है और ये काम कुछ मीडिया संस्थानों  के द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिन संस्थानों ने उनको लेकर फेक न्यूज चलाई है उन सबके खिलाफ उनकी टीम लीगल एक्शन लेगी.

मनोज तिवारी के मुताबिक उनका रुपये वाला बयान फर्जी था. लेकिन रुपये की सेहत लगातार गिरती जा रही है. इसको लेकर संसद में हंगामा भी हो चुका है. 3 दिसंबर को डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया ऐतिहासिक निचले स्तर तक गिर गया था. 3 तारीख को शुरुआती कारोबार में एक डॉलर के मुकाबले रुपया 90.13 के स्तर तक लुढ़क गया था. इसका मतलब की एक डॉलर खरीदने के लिए 90 रुपये 13 पैसे खर्च करने पड़ेंगे. वैसे तो दिसंबर महीने की शुरुआत से रुपया हर दिन गिरावट का नया रिकॉर्ड बना रहा है. लेकिन ये पहला मौका था जब एक डॉलर का दाम 90 रुपये के पार चला गया.

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रुपये में गिरावट से क्या-क्या नुकसान

डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू में गिरावट से कई नुकसान हैं. इसकी वजह से विदेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों का वहां रहना और पढ़ाई लिखाई करना काफी महंगा हो जाता है. विदेशों में घूमना-फिरना भी महंगा हो जता है. वहीं भारत विदेशों से कच्चा तेल, गैस, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, मोबाइल, मशीनरी, तेल वगैरह बड़े पैमाने पर आयात करता है. डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से देश का आयात बिल बढ़ता है और इससे महंगाई बढ़ती चली जाती है. इसलिए जरूरी है कि रुपये में गिरावट को संभालने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं.

वीडियो: मनोज तिवारी ने AAP के 'रिंकिया के पापा' वाले डांस के बाद नया ऐलान कर दिया!

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