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ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान कांग्रेस MP मनीष तिवारी ने गाना लिखा, अंदर की कहानी बाहर आ गई

मनीष तिवारी और शशि थरूर कांग्रेस के प्रखर वक्ताओं में गिने जाते हैं लेकिन दोनों का नाम ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करने वाले कांग्रेस के वक्ताओं में शामिल नहीं है.

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मनीष तिवारी कांग्रेस के स्पीकर्स की लिस्ट में नहीं हैं (India Today)

कांग्रेस में भाषण देने वाले दो दिग्गज वक्ता हैं- मनीष तिवारी और शशि थरूर. लेकिन संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर जारी चर्चा में वह कांग्रेस के वक्ताओं की लिस्ट में शामिल नहीं हैं. इसकी वजह क्या है, इस पर कांग्रेस ने तो कुछ नहीं कहा लेकिन मनीष तिवारी के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने इस पर ‘ठीक-ठाक बोल दिया’ है. उन्होंने सीधा-सीधा तो कुछ नहीं कहा है लेकिन उनका कहना ‘साफ-साफ’ से कुछ कम भी नहीं है. मनीष तिवारी ने संकेत दिया है कि दुनियाभर में पाकिस्तान की कलई खोलने के लिए सर्वदलीय नेताओं की जो टीम बनी थी, उसमें शामिल होने की सजा उन्हें मिल रही है. 

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मनीष तिवारी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया है. इसमें एक खबर की कटिंग लगी है, जिसमें शशि थरूर और मनीष तिवारी को ऑपरेशन सिंदूर की डिबेट में शामिल नहीं किए जाने पर चर्चा की गई है. इसके साथ उन्होंने अपनी फोटो भी लगाई है और कैप्शन में ‘पूरब और पश्चिम’ फिल्म के मशहूर गाने की लाइनें लिखी हैं-

है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं.

भारत का रहने वाला हूं. भारत की बात सुनाता हूं. 

-जय हिंद!

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मतलब ये कि ‘भारत की बात’ सुनाने के लिए मनीष तिवारी सर्वदलीय डेलीगेशन का हिस्सा बने, इसलिए वह संसद में इस पर बहस का हिस्सा नहीं बन पाए.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्लियामेंट में एक पत्रकार ने उनसे इस ट्वीट का साफ-साफ मतलब पूछा तो वह कहावतों में बात करने लगे. तिवारी ने कहा, 

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एक कहावत है. अगर आप मेरी खामोशी को नहीं समझते तो मेरे शब्दों को कभी नहीं समझ पाएंगे.

मनीष तिवारी की ‘खामोशी’ तो बहुत कुछ कहती है और इस पर सूत्र भी बहुत कुछ कहते हैं. इंडिया टुडे के सूत्रों की मानें तो मनीष तिवारी ने नेता प्रतिपक्ष के दफ्तर में आवेदन भी किया था कि वह ऑपरेशन सिंदूर पर बहस में हिस्सा लेना चाहते हैं. फिर भी उन्हें कांग्रेस ने अपने वक्ताओं की लिस्ट में शामिल नहीं किया.

इस ‘वंचना’ से सिर्फ मनीष तिवारी प्रभावित नहीं हैं. कांग्रेस के एक और एमपी हैं अमर सिंह. वह भी ऑल पार्टी डेलीगेशन में शामिल थे. कांग्रेस ने उन्हें भी वक्ताओं की लिस्ट में शामिल नहीं किया है. आजकल ‘भाजपा के लिए बैटिंग करने’ का आरोप झेल रहे शशि थरूर भी इस सूची में नहीं हैं. 

लेकिन शशि थरूर वाले केस में एक और बात सामने आई है.

कांग्रेस के सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि पार्टी ने शशि थरूर से सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में भाग लेने को कहा था लेकिन थरूर ने ये कहते हुए ऑफर ठुकरा दिया कि वह ऑपरेशन सिंदूर की आलोचना में पार्टी लाइन का पालन नहीं कर पाएंगे.

थरूर ने ये भी कहा कि विदेश यात्रा में वह हमेशा ऑपरेशन सिंदूर को सफल मानते और बताते रहे हैं. ऐसे में वह सदन में इसकी आलोचना नहीं कर पाएंगे. 

मीडिया के लोगों ने भी जब कांग्रेस सांसद से पूछा था कि क्या वह संसद में इस पर बोलेंगे, तब थरूर ने कहा कि वह ‘मौन व्रत’ पर हैं.

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