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अंडरगारमेंट्स पहन, शराब-सिगरेट पीते हुए कोर्ट की सुनवाई में घुस आया हिस्ट्रीशीटर, जानते हैं पुलिस ने क्या किया?

Virtual Court की सुनवाई के दौरान आरोपी सिगरेट और शराब भी पी रहा था. कई बार मना करने के बावजूद वो कोर्ट से बाहर नहीं गया. पुलिस के मुताबिक जो शख्स वर्चुअल सुनवाई में बगैर इजाजत आया, वो हिस्ट्रीशीटर है और उस पर पहले से ही 50 केस दर्ज हैं.

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कोर्ट की सुनवाई में शख्स ने बिना इजाजत ऑनलाइन सुनवाई जॉइन कर ली (PHOTO-Pexels)

दिल्ली की एक कोर्ट से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां कोर्ट की वर्चअल सुनवाई के दौरान एक हिस्ट्रीशीटर कथित तौर पर अंडरगारमेंट्स पहन कर घुस आया. यहीं नहीं, कोर्ट में घुसने के दौरान व्यक्ति सिगरेट और शराब भी पी रहा था. कई बार मना करने के बावजूद वो कोर्ट से बाहर नहीं गया. दिल्ली पुलिस ने व्यक्ति को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक जो शख्स वर्चुअल सुनवाई में बगैर इजाजत आया, वो हिस्ट्रीशीटर है और उसपर पहले से ही 50 केस दर्ज हैं.

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वर्चुअल कोर्ट की सुनवाई, बिना इजाजत जॉइन कर लिया 

वर्चुअल कोर्ट की सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का इस्तेमाल किया जाता है. इस सुनवाई में जुड़ने के लिए लोग अधिकृत होते हैं. यूं ही कोई बिना मतलब किसी सुनवाई का हिस्सा नहीं बन सकता. लेकिन 16-17 सितंबर 2025 को आरोपी मोहम्मद इमरान बिना इजाजत एक सुनवाई में जुड़ गया. तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई के दौरान ये शख्स आकिब अखलाक नाम से जुड़ा. तब कोर्ट के अधिकारियों ने इसे बार-बार बाहर निकलने को कहा, लेकिन वो नहीं माना. हैरानी की बात ये थी कि इस दौरान वो शख्स पूरे कपड़ों में भी नहीं था. उसने बस अंडरगारमेंट्स पहने हुए थे. और तो और, सुनवाई के दौरान वो लगातार सिगरेट और शराब का सेवन भी कर रहा था. इस मामले पर जानकारी देते हुए दिल्ली पुलिस के डीसीपी नॉर्थ राजा बंथिया ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया

इमरान स्कूल छोड़ चुका है और पहले एयर कंडीशनर मैकेनिक का काम करता था. लेकिन नशे और शराब की लत के कारण, उसने अपनी नशे की जरूरतों को पूरा करने के लिए डकैती और स्नैचिंग जैसे अपराध करने शुरू कर दिए. इससे पहले, वह दिल्ली के कई थानों में दर्ज डकैती, स्नैचिंग और आर्म्स एक्ट के 50 से ज्यादा मामलों में शामिल पाया गया था. वह दयालपुर थाने का एक सक्रिय हिस्ट्रीशीटर भी है, जो सितंबर 2021 में जेल से रिहा हुआ था. रिहा होने के बाद उसने फिर से अपराध करना शुरू कर दिया.

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आईपी एड्रेस से पुलिस ने ढूंढा

इस मामले को लेकर तीस हजारी कोर्ट जुडीशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास अंशु सिंघल के असिस्टेंट ने 22 सितंबर को शिकायत दर्ज कराई थी. साइबर पुलिस की एक टीम ने आरोपी को उसक आईपी एड्रेस के जरिए ट्रैक करना शुरू किया. लेकिन आरोपी चालाक था और लगातार फेक ईमेल आईडी का इस्तेमाल कर रहा था. जिस एरिया से उसका लोकेशन मिला, वो काफी घनी आबादी वाला इलाका है. इसलिए पुलिस उसकी सटीक लोकेशन पता नहीं कर पा रही थी. इसके बाद पुलिस ने पैदल सर्च ऑपरेशन करने का फैसला किया और आखिरकार इमरान को बाबू नगर, ओल्ड मुस्तफाबाद इलाके में ढूंढना शुरू किया. पुलिस को ये जानकारी थी कि आरोपी चमन पार्क इलाके में रहता है. गिरफ्तार आरोपी के पास से पुलिस ने घटना में इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन और राउटर बरामद किया है.

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