कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बैन की मांग दोहराई है. उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने सरकारी कर्मचारियों के RSS की गतिविधियों में हिस्सा लेने पर भी बैन लगाया था. बीजेपी सरकार ने 2024 में ये रोक हटा ली थी. खरगे ने मांग की कि इस बैन को फिर से लागू किया जाना चाहिए. वहीं, BJP ने कांग्रेस पर दशकों तक सरदार पटेल के योगदान को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है.
सरदार पटेल का जिक्र कर बोले खरगे, 'RSS पर बैन लगे, गांधी की हत्या का जश्न मनाया था'
Mallikarjun Kharge Sardar Patel RSS: मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा- 'सरदार पटेल ने एक पत्र में लिखा था कि RSS ने महात्मा गांधी की हत्या का जश्न मनाया था.'


मल्लिकार्जुन खरगे कर्नाटक से आते हैं. उनके गृह राज्य में RSS की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कानून लाने की तैयारी चल रही है. 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर खरगे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने RSS की विचारधारा की तुलना ‘जहर’ से की. कांग्रेस प्रमुख ने कहा,
मेरी निजी राय है कि RSS पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए. सरदार पटेल ने ये भी कहा था कि सरकारी सेवा में रहते हुए किसी को RSS के लिए काम नहीं करना चाहिए. उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के RSS और जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे मोदी सरकार ने 9 जुलाई, 2024 को हटा लिया. हम मांग करते हैं कि इस प्रतिबंध को फिर से लागू किया जाए.
कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक, पटेल ने एक पत्र में लिखा था कि RSS ने महात्मा गांधी की हत्या का जश्न मनाया था. उन्होंने दावा किया कि पटेल को रिपोर्ट मिली थी कि RSS और हिंदू महासभा की विचारधारा के कारण देश में बना माहौल गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार था.
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खरगे के आरोपों पर पलटवार करते हुए BJP ने कांग्रेस पर 50 से ज्यादा सालों तक पटेल की अनदेखी करने का आरोप लगाया. पार्टी ने कहा कि कांग्रेस ने पटेल के योगदान को कम करके आंका. BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस कभी पटेल के पदचिह्नों पर नहीं चली. अब RSS का विरोध करने के लिए उनके नाम का इस्तेमाल कर रही है.
NDTV की खबर के मुताबिक, पूनावाला ने कहा,
कांग्रेस, इंडियन नेशनल कांग्रेस नहीं है. इसका मतलब इंडियन नाजी कांग्रेस है. उनकी तमाम साजिशों के बावजूद, अदालत ने RSS पर से प्रतिबंध हटा दिया.
पूनावाला ने कहा कि RSS एक गैर-राजनीतिक संगठन है. सरकारी कर्मचारी उनकी गतिविधियों में भाग ले सकते हैं. लेकिन कांग्रेस इतनी ‘असहिष्णु है कि वे PFI, SDPI और MIM के दंगाइयों’ के साथ खड़ी है. लेकिन RSS के खिलाफ जहर उगलती है, जो ‘देश के कल्याण के लिए काम’ कर रहा है.
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