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'चांदी की थाली, उसमें 5000 रुपये का खाना', महाराष्ट्र सरकार की इस दावत पर क्यों उठ रहे सवाल?

मुंबई में हुई इस बैठक में देशभर से क़रीब 600 मेहमान शामिल हुए थे. महाराष्ट्र कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मेहमानों को चांदी की थाली में खाना परोसा गया. क्या है ये पूरा मामला?

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(फोटो- इंडिया टुडे/@VijayKumbhar62)
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मुस्तफा शेख

संसद की प्राक्कलन समिति (Estimates Committee) की एक बैठक विवादों में घिर गई है. यह बैठक मुंबई में हो रही थी. दावा है कि मीटिंग में आए मेहमानों को ‘लैविश’ पार्टी दी गई. उन्हें चांदी की थाली में खाना खिलाया गया. यही नहीं खाने की एक प्लेट की कीमत 5,000 रुपये बताई गई है. उधर, विपक्ष ने राज्य सरकार की आलोचना की है. कांग्रेस का कहना है कि एक तरफ राज्य आर्थिक संकट से जूझ रहा है. लेकिन दूसरी तरफ टैक्स देने वालों के पैसे से शाही पार्टियां दी जा रही हैं. 

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Parliament's Estimates Committee मीटिंग

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, संसद की Estimates Committee की बैठक मुंबई के विधान भवन परिसर में चल रही थी. इस दो दिन की बैठक की शुरुआत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने की थी. बैठक में देशभर से क़रीब 600 मेहमान शामिल हुए थे. आपको बताते चलें कि Estimates Committee में आए मेहमान का काम सरकार के लिए बजट बनाना होता है. कमेटी यह देखती है कि सरकार का पैसा सही जगह और सही ढंग से ख़र्च हो रहा है या नहीं.

कांग्रेस ने सरकार को घेरा

महाराष्ट्र कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मेहमानों को चांदी की थाली में खाना परोसा गया. ये थालियां 550 रुपये में किराए पर ली गई थीं. प्रति प्लेट की कीमत 5,000 थी. महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने इसे “फिज़ूलख़र्ची” बताया. उन्होंने मीडिया से कहा, 

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जब राज्य लगभग दिवालिया होने की कगार पर है तो मुंबई में Estimates Committee के सदस्यों को चांदी की थाली में खाना परोसने की क्या ज़रूरत थी?

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हर मेहमान के खाने पर लगभग 5,000 रुपये खर्च किए गए. जबकि दूसरी तरफ किसानों के कर्ज़ नहीं माफ किए जा रहे. उन्हें बोनस नहीं दिया जा रहा. कई योजनाओं के बजट में भी कटौती की जा रही है. महाराष्ट्र कांग्रेस के मुखिया हर्षवर्धन सपकाल ने भी देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार पर कटाक्ष किया और विजय वडेट्टीवार की बात दोहराई. 

वहीं, सोशल एक्टिविस्ट कुंभार ने दावा किया कि 600 मेहमानों पर कुल 27 लाख रुपये खर्च किए गए. इसे लेकर उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक लंबी पोस्ट लिखी. उन्होंने लिखा, 

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पब्लिक के पैसों की फिज़ूलख़र्ची. मुंबई के विधान भवन ने पूरे भारत से आए बजट कमेटी के सदस्यों के लिए एक भव्य भोज का आयोजन किया. इसकी लागत प्रति व्यक्ति 4,500 रुपये थी. चांदी की प्लेटों (550 रुपये प्रत्येक) पर परोसे गए 600 मेहमानों के लिए खाने की कुल लागत 27 लाख रुपये थी. 

कुंभार ने कहा कि मेहमानों ने बजट बनाने की अपनी ज़िम्मेदारी का मजाक उड़ाया है. 40 फुट के बैनर, ताज पैलेस और ट्राइडेंट में ठहरना, AC डाइनिंग टेंट, झूमर और रेड कार्पेट के साथ. यह टैक्स देने वालों के पैसे का शाही मज़ाक था.

सरकार का पक्ष

लेकिन दूसरी तरफ सरकारी सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि मेहमानों को चांदी की परत (Silver Coated) वाली प्लेट में परोसा गया था, न कि चांदी की प्लेट में. प्रति प्लेट की लागत 4,000 रुपये भी नहीं थी, बल्कि उससे भी कम थी. लेकिन फिलहाल इस मामले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी सामने नहीं आई है.

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