महाराष्ट्र में शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के एक विधायक ने 'वोटर्स' पर ऐसा बयान दिया कि सियासी तूफान खड़ा हो गया. छत्रपति संभाजीनगर की पैठण सीट से विधायक विलास भुमरे ने एक जनसभा में दावा किया कि वे विधानसभा चुनाव के दौरान 20,000 वोटर्स बाहर से लाए थे. ये बयान उन्होंने पार्टी प्रमुख और राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में दिया.
'वोटिंग के दिन 20,000 लोगों को बुलाया,' शिंदे के सामने शिवसेना MLA का बयान, विपक्ष ने पकड़ लिया
Maharashtra: बाहर से वोटर लाने वाली बात मंच पर मौजूद Eknath Shinde को भी 'खटकी'. जब Vlas Bhumare ये सब बोल रहे थे, तभी एकनाथ शिंदे ने उन्हें बीच में टोका और पूछा कि ये वोटर्स कहां से लाए गए थे.


कांग्रेस लगातार 'वोट चोरी' को लेकर आक्रामक है. अब खुद सत्तारूढ़ दल के विधायक ने 'वोटर्स को बाहर से लाने' वाला बयान दिया तो सियासी बखेड़ा खड़ा ही होना था. यह बयान छत्रपति संभाजीनगर के संत एकनाथ मंदिर में एक पार्टी सभा में दिया गया. इसमें डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के अलावा मंत्री संजय शिरसाट और विलास भुमरे के पिता और लोकसभा सांसद संदीपन भुमरे भी मौजूद थे. भुमरे ने एक सभा में कहा,
“विधानसभा चुनावों के दौरान मैं बाहर से करीब 20,000 वोटर्स को लेकर आया... इन वोटर्स ने मेरा 100 फीसदी फायदा किया.”
बाहर से वोटर लाने वाली बात मंच पर मौजूद एकनाथ शिंदे को भी 'खटकी' होगी. जब भुमरे ये सब बोल रहे थे, तभी एकनाथ शिंदे ने उन्हें बीच में टोका और पूछा कि ये वोटर्स कहां से लाए गए थे. इस पर भुमरे ने तुरंत सफाई दी और कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के जो वोटर्स बाहर काम कर रहे थे, उन्हें मतदान के दिन वापस लाया गया था.
भुमरे ने आगे कहा,
"हमें वोटर्स लिस्ट पर काम करना चाहिए. शिंदे साहब हमें इस पर काम करने की गाइडलाइन देते हैं. जिला परिषद और ग्राम पंचायत के चुनाव में कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर काम करना होगा… मेरे क्षेत्र के 20,000 वोटर्स बाहर चले गए थे… मैंने उन्हें वोटिंग के दिन बुलाया."
शनिवार, 11 अक्टूबर को इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए भुमरे ने साफ किया कि उनका मतलब था कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र के बाहर से 20,000 मतदाताओं को लेकर आए थे, जो अलग-अलग जगहों पर काम कर रहे थे. उन्होंने कहा,
"ये मतदाता या तो मेरे निर्वाचन क्षेत्र के बाहर काम कर रहे थे. हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें फोन किया और उनसे मतदान करने और अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करने की अपील की. उपमुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) ने हस्तक्षेप किया, लेकिन उन्होंने मुझसे साफ करने को कहा कि ये मतदाता कौन थे."
इस बयान पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. महाराष्ट्र कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा,
"विलास भुमरे ने वोट चोरी की बात कबूल की है. उन्होंने माना है कि उन्होंने अपराध किया है. एकनाथ शिंदे ने उन्हें संभालने की कोशिश की और बताया कि ऐसा बोलो कि वोटर्स तुम्हारे ही क्षेत्र के थे, जिन्हें वापस लाया गया. चुनाव आयोग को इस बयान के आधार पर पुलिस केस दर्ज करना चाहिए."
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) की प्रवक्ता सुषमा अंधारे ने कहा,
"विलास भुमरे ने वोट चोरी की बात स्वीकार की और जब उनके नेता ने टोका तो उन्होंने बात बदल दी. मंच पर बैठे लोग बिना किसी शर्म के हंस रहे थे. ये संविधान का मजाक उड़ाया गया है."
यह बयान अब सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक चर्चा में है. कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी चुनाव आयोग पर निशाने साधते हुए चुनावों में धांधली के आरोप लगा चुके हैं. उन्होंने कर्नाटक की महादेवपुरा और आलंद विधानसभा सीटों में कथित 'वोट चोरी' पर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी.
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