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महाराष्ट्र: इन महिलाओं को नहीं मिलेंगे लड़की बहिन योजना वाले पैसे, विपक्ष ने लगाया धोखेबाजी का आरोप

Maharashtra Ladki Bahin Scheme: कांग्रेस और NCP (शरद पवार) ने इस कदम को राज्य की महिलाओं को अपमानित करने वाला है.

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महिलाओं के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे. (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र सरकार ने अपनी बहुचर्चित लड़की बहिन योजना (Ladki Bahin Scheme) से उन महिला लाभार्थियों को हटाने जा रही है, जिनके पास चार पहिया वाहन हैं. इस योजना के तहत राज्य की 65 वर्ष तक की महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये मिलते हैं, बशर्ते उन महिलाओं की सालाना पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा और भी शर्तें हैं. मसलन, लाभार्थी के परिवार का कोई भी शख्स सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए और लाभार्थी को किसी और सरकारी योजना के तहत कोई और लाभ ना मिल रहा हो.

इस बीच कांग्रेस और NCP (शरद पवार) ने महाराष्ट्र सरकार के इस कदम की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि इस तरह से महिलाओं को लाभार्थियों की लिस्ट से हटाकर उनका अपमान किया जा रहा है. यह उनके साथ धोखेबाजी है.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पुणे जिला परिषद के डेपुटी चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर जामसिंह गिरासे ने बताया कि इन महिलाओं को सिर्फ लाभार्थियों की सूची से हटाने का ही प्रस्ताव है. उनके खिलाफ कोई और जांच नहीं होगी और ना ही उनके ऊपर किसी तरह का जुर्माना लगाया जाएगा. गिरासे ने आगे कहा कि उन्होंने RTO से ऐसी महिलाओं की लिस्ट मांगी है और एक महीने के भीतर ये प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

तीन साल पहले चली गई नौकरी…

इस बीच, पिंपरी-चिंचवाड़ क्षेत्र के इंद्रायणी नगर की एक लाभार्थी ने एक्सप्रेस को बताया कि उनके पास एक चार पहिया गाड़ी है, लेकिन ये 10 साल पहले खरीदी गई थी. उन्होंने ये भी कहा कि 3 साल पहले उनकी नौकरी चली गई थी और अब उन्हें कोई सैलरी नहीं मिलती. लेकिन उनके पास एक गाड़ी है, जो 10 साल पहले खरीदी गई थी जब वो नौकरी कर रही थीं. उनका सवाल है कि अब वो क्या करें?

इस बीच पुणे के कांग्रेस प्रवक्ता गोपाल तिवारी ने कहा कि सरकार का यह कदम महिलाओं का अपमान करने वाला है. उन्होंने कहा कि कुछ महिलाओं के पास चार-पहिया गाड़ियां होंगी. बहुत सी महिलाओं ने कोविड-19 महामारी से पहले ये गाड़ियां खरीदी होंगी. महामारी के दौरान बहुत सारे लोगों की नौकरियां चली गईं, वो EMI तक नहीं चुका पा रहे थे. कई लोगों को तो अभी तक नौकरी नहीं मिली है. अगर ऐसी महिलाओं के पास नौकरी नहीं है, लेकिन उनके पास उनकी पुरानी गाड़ी है तो क्या सरकार उन्हें योजना की लाभार्थी के तौर पर हटा देगी? यह महिलाओं के प्रति सरकार के अपमानजनक और अमानवीय व्यवहार को दर्शाता है.

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वहीं NCP (शरद पवार) के प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि सरकार का ऐसा कोई भी कदम महाराष्ट्र की महिलाओं के साथ धोखा होगा. उन्होंने कहा कि पहले महायुति सरकार ने हर महीने पैसे देने की बात कहकर महाराष्ट्र की महिलाओं को लुभाया और अब सत्ता में आने के बाद वो महिलाओं का हक छीनना चाहते हैं. यह और कुछ नहीं, बल्कि सरेआम धोखेबाजी है. 

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