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चुनावी वादे के लिए कम पड़ रहे फंड, महाराष्ट्र में योजनाओं का पैसा रुका

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना सभी धर्मों के सीनियर सिटीजन के लिए एक तीर्थ यात्रा योजना है. इसका एलान राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 28 जून 2024 को किया था. राज्य सरकार को अपनी इस पॉपुलर योजना के लिए फंड रोकना पड़ा है.

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस. (फोटो- फाइल)

महाराष्ट्र (Maharashtra) में देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार योजाओं के खर्चा का दबाव महसूस कर रही है. इसका अंदाज़ा ऐसे लगाइए कि राज्य सरकार को अपनी पॉपुलर स्कीम ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ के लिए फंड रोकना पड़ा है. वहीं बीते दिनों कैबिनेट की बैठक में दो और योजनाओं को बंद करने पर चर्चा हुई थी. 

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक, बीते हफ्ते कैबिनेट की मीटिंग में गरीबों के लिए चलाई जाने वाली ‘शिव भोजन थाली’ और ‘आनंदाचा शिधा’ योजनाओं को बंद करने पर विचार किया गया. 

इंडियन एक्सप्रेस ने फाइनेंस डिपार्टमेंट के एक अधिकारी के हवाले से बताया सरकार खर्चों में कटौती कर रही है. चुनाव से पहले सरकार ने कई योजनाएं लागू की थीं, उन सभी की कई योजनाओं की समीक्षा की जा रही है. हो सकता है कि इन्हें कुछ समय के लिए रोक दिया जाए. उधर, सोशल वेलफेयर कमिश्नर ने किसी तरह की फाइनेंशल परेशानी से इनकार किया है.

‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ की देखरेख करने वाले राज्य के समाज कल्याण कमिश्नर ओम प्रकाश ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,

प्रयागराज (Prayagraj) में चल रहे महाकुंभ (Mahakumbh) के कारण ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ के तहत अयोध्या की 13 यात्राओं में देरी हुई है. महाकुंभ पूरा होने के बाद हम तारीख़ों का एलान करेंगे. जगन्नाथ पुरी यात्रा की योजना भी चल रही है.

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने कई तरह की स्कीम्स शुरू की थीं. इनमें माझी लड़की बहन योजना, अन्नपूर्णा योजना, लड़कियों के लिए मुफ्त शिक्षा, तीर्थ दर्शन योजना और किसानों के लिए बिजली बिल माफी जैसी कई योजनाएं शामिल हैं. अनुमान है कि इन योजनाओं को लागू करने के लिए सरकार को खज़ाने से 1 लाख करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. 

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का पैसा रुका

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का एलान तो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 28 जून 2024 को किया था. इस योजना के तहत, 60 साल की उम्र से ज़्यादा के सीनियर सिटीजन (2.5 लाख से कम फैमिली इनकम वाले) को महाराष्ट्र में 161 तीर्थ स्थलों और पूरे भारत में 88 तीर्थ स्थलों की यात्रा के लिए 30,000 रुपये दिए जाते हैं. इस योजना का लाभ कई वरिष्ठ नागरिक उठा चुके हैं.  

रिपोर्ट में बताया गया है कि ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ के लिए सरकार ने 2024-25 में 30 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. इसमें 20 करोड़ रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं. सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट को एक्स्ट्रा 25 करोड़ रुपये की ज़रूरत है. लेकिन फाइनेंस डिपार्टमेंट की ओर से 25 करोड़ रुपये जारी करने में देरी की जा रही है. 

वहीं, शिव भोजन थाली योजना के तहत गरीबों को खाना मुहैया करवाया जाता था और आनंदाचा शिधा के तहत त्यौहारों पर राशन किट दी जाती है. इन दोनों योजनाओं पर सरकार की ओर से अभी तक 1300 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. 

हाल ही में राज्य सरकार ने माझी लड़की बहन योजना से पांच लाख अयोग्य महिलाओं को बाहर करने का फैसला किया है था. डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री अजित पवार ने वित्तीय अनुशासन की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है.

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