भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को भारी नुक़सान पहुंचाया. 11 मई की शाम प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर भारतीय सेना के तीन बड़े अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. नाम- लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती और वाइस एडमिरल एएन प्रमोद. इन तीनों और उनके पदों के बारे में बताएंगे.
'ऑपरेशन सिंदूर' की एक-एक जानकारी देने वाले इन तीन अफसरों के बारे में सब जान लीजिए
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती और वाइस एडमिरल एएन प्रमोद. इन तीनों ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस को लीड किया और 'ऑपरेशन सिंदूर' की एक-एक जानकारी शेयर की.

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने अक्टूबर, 2024 में DGMO का पद संभाला था. इससे पहले राजीव श्रीनगर स्थित 15 कोर (चिनार कोर) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ़ (GOC) थे. यहां वो क़रीब डेढ़ साल तक रहे. ये कोर इंडियन आर्मी की उधमपुर स्थित नॉर्दर्न कमांड (Northern Command) के अंतर्गत आती है.

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र रहे हैं. उन्हें दिसंबर, 1989 में कुमाऊं रेजिमेंट में कमीशन दिया गया था. राजीव घई का सैन्य करियर 33 सालों का रहा है. इस दौरान उन्होंने अलग-अलग प्रतिष्ठित कमांड, स्टाफ और अन्य महत्वपूर्ण पदों को संभाला है.
राजीव घई के अलावा एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती भी इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मौजूद रहे. अक्टूबर, 2024 में ही उन्होंने भी डायरेक्टर जनरल एयर डिफेंस का पद संभाला. उन्होंने 1987 में लड़ाकू विमान में कमीशन हासिल की. वो एनडीए, डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और नेशनल डिफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र भी हैं.

डायरेक्टर जनरल एयर डिफेंस के पद से पहले, उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया. इनमें एयर ऑफिसर कमांडिंग एडवांस मुख्यालय ईएसी, एयर स्टाफ ऑपरेशन्स (ऑफेंसिव) के सहायक प्रमुख और सीएसी के सीनियर एयर स्टाफ ऑफिसर शामिल हैं.
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने 15 जनवरी 2024 को डायरेक्टर जनरल नेवी ऑपरेशंस (DGNO) के रूप में पदभार ग्रहण किया था. वे नेवी अडैकमी, गोवा के 38वें इंटीग्रेटेड कैडेड कोर्स के पूर्व छात्र हैं. उन्हें 01 जुलाई 1990 को भारतीय नौसेना में कमीशन दिया गया था.
उन्होंने कई महत्वपूर्ण स्टाफ पदों पर भी काम किया है. इनमें जॉइंट डायरेक्टर, नौसेना एयर स्टाफ, जॉइंट डायरेक्टर, डायरेक्टर एंड प्रिंसिपल डायरेक्टर एयरक्राफ्ट एक्विजेशन के पद भी शामिल हैं. इसके अलावा, वो विमान अधिग्रहण के प्रधान निदेशक भी रहे हैं.

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DGMO पद के बारे मेंDGMO का मतलब होता है, डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस. सेना द्वारा किए गए ऑपरेशंस की निगरानी इन्हीं के ज़िम्मे होती है. 2016 में जब भारत ने आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की, उस समय भी ऑपरेशन की जानकारी DGMO लेफ्टिनेंट जनरल रनबीर सिंह ने ही दी थी.
भारतीय सेना में DGMO का सबसे महत्वपूर्ण काम रणनीतियां बनाना होता है. फिर चाहे स्थिति युद्ध की हो, आतंकवाद के ख़िलाफ़ ऑपरेशन की हो या फिर शांति मिशन की. इतना ही नहीं, DGMO को ही एलओसी पर गोलीबारी रुकवाना और जितना हो सके तनाव को कम करना होता है.
वीडियो: Pakistan के DGMO ने फोन पर भारत से क्या अपील की?