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कथावाचक प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में 3 दिन में 7 लोगों की मौत कैसे हुई?

Kubereshwar Dham Tragedy: भगदड़ के बाद अलग-अलग दिनों में सात लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, अधिकारियों ने इन मौतों का कारण अलग-अलग बताया है. विवाद बढ़ने के बाद, कथावाचक प्रदीप मिश्रा की भी मामले पर प्रतिक्रिया आई है.

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कांग्रेस ने कथावाचक प्रदीप मिश्रा पर FIR दर्ज करने की मांग की है. (फोटो- आजतक)

कथावाचक प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में मची भगदड़ के बाद से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है. इसे लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस ने प्रदीप मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है. वहीं, मध्य प्रदेश मानवाधिकार पैनल ने जांच के आदेश दिए हैं. मामले में प्रदीप मिश्रा का भी बयान आया है.

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कुबेरेश्वर धाम में 3 दिनों में 7 लोगों की मौत

मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के अंतर्गत ‘हेमा’ नाम का गांव आता है. इसी हेमा गांव में कुबेरेश्वर धाम मौजूद है, जहां कथावाचक प्रदीप मिश्रा कथा सुनाते हैं. डेक्कन हेराल्ड में छपी खबर के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार, 5 अगस्त को कुबेरेश्वर धाम में 'रुद्राक्ष' वितरण के दौरान भगदड़ मच गई थी.

इस भगदड़ के बाद से तीन दिनों में सात लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, अधिकारियों ने इन सातों मौतों का कारण अलग-अलग बताया है. स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, 2 मौतें भीड़ में धक्कामुक्की के दौरान हुई, जबकि 5 मौतें स्वास्थ्य कारणों से हुई हैं. मृतकों के नाम हैं,

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- जसवंती बेन निवासी (राजकोट, गुजरात)
- संगीता गुप्ता निवासी (फिरोजाबाद, यूपी)
- चतुर भाई निवासी पंचावल (गुजरात)
- ईश्वर यादव निवासी रोहतक (हरियाणा)
- दिलीप सिहारी निवासी रायपुर (छत्तीसगढ़)
- उपेंद्र गुप्ता निवासी (उत्तर प्रदेश)
- अनिल निवासी खेड़ाकलां (दिल्ली)

आजतक से जुड़े रवीश पाल सिंह की खबर के मुताबिक, सीहोर के कलेक्टर बालागुरू के ने बताया कि 6 अगस्त को चतुरभाई, ईश्वर यादव और दिलीप सिहारी का ‘अचानक स्वास्थ्य खराब’ हो गया. बाद में इन तीनों की मौत हो गई. वहीं, 7 अगस्त को उपेंद्र गुप्ता और अनिल की ‘अचानक तबीयत बिगड़ गई’ थी. बाद में इन दोनों की भी मौत हो गई. इनमें से एक अनिल अस्थमा का मरीज था.

कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इन मौतों को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने पूछा कि जब बेंगलुरु हादसे में विराट कोहली पर केस दर्ज हो सकता है, तो फिर पंडित प्रदीप मिश्रा पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. उमंग सिंघार ने कहा कि एक तरफ लोग मर रहे थे, दूसरी तरफ पंडित प्रदीप मिश्रा कांवड़ यात्रा निकाल रहे थे, जो पूरी तरह से गलत है.

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इस मामले में मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री और सीहोर जिले के इछावर से विधायक करण सिंह वर्मा से भी सवाल किया गया. जवाब में उन्होंने मीडिया से कहा,

कलेक्टर ने पहले ही इसके बारे में पोस्ट कर दिया है. जिसमें बताया गया कि गलती किसकी थी और मौतें किस वजह से हुईं. कलेक्टर ने पूरी जांच कर ली है और मोबाइल पर पूरी जानकारी पोस्ट कर दी है. इसलिए, अब और कुछ कहने को नहीं बचा है.

प्रदीप मिश्रा क्या बोले?

विवाद बढ़ने के बाद प्रदीप मिश्रा की भी प्रतिक्रिया आई. उन्होंने मौतों पर संवेदना जताई और कहा कि धाम मृतकों के परिवार वालों के साथ खड़ा है. प्रदीप मिश्रा ने अपील की कि अगर किसी की तबीयत खराब हो, तो वो ‘भीड़ में फंसने’ धाम में ना जाएं. उन्होंने कहा,

जिनकी मौत हुई, वो मेरे ही परिवार के सदस्य थे. मेरी समिति उनके परिवारों के साथ हमेशा खड़ी है. मैंने पहले भी कहा है कि किसी का स्वास्थ्य ठीक ना हो तो धाम में ना आएं. और अब भी यही कहूंगा.

इस बीच मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग (MPHRC) के कार्यवाहक अध्यक्ष राजीव टंडन ने मामले में एक्शन लिया है. उन्होंने सीहोर के कलेक्टर और SP को जांच कर 15 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट सौंपने को कहा. निर्देश में कहा गया कि रिपोर्ट में भीड़ प्रबंधन के उपायों, घायलों को दी जा रही मेडिकल सुविधा और मृतकों के परिवारों को दी गई वित्तीय मदद की डिटेल होनी चाहिए.

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