केरल के एक स्कूल की महिला टीचर ने कथित तौर पर वेतन नहीं मिलने के कारण आत्महत्या कर ली. दावा है कि उसे पिछले 6 सालों से वेतन नहीं मिला था, जिसके कारण उसने यह कदम उठाया. मृतका का शव उनके घर से बरामद हुआ है. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. केरल के शिक्षा मंत्री ने इस मामले में शिक्ष विभाग से रिपोर्ट मांगी है.
केरल के कैथोलिक स्कूल ने 6 साल तक नहीं दी सैलरी, परेशान टीचर ने दी जान
29 साल की अलीना कोझिकोड के कोड़ेनचेरी में ‘सेंट जोसेफ लोअर प्राइमरी’ स्कूल में पढ़ाती थीं. अलीना के पिता बेनी ने अपनी बेटी की मौत के लिए स्कूल प्रबंधन को जिम्मदार ठहराया है.

घटना केरल के कोझिकोड जिले का है, जहां की अलीना बेनी ने कथित तौर पर वेतन नहीं मिलने के कारण खुद की जान ले ली. 29 साल की अलीना कोझिकोड के कोड़ेनचेरी के कैथोलिक स्कूल ‘सेंट जोसेफ लोअर प्राइमरी’ में पढ़ाती थीं. स्कूल को सरकारी मदद से चलाया जा रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अलीना के पिता बेनी ने अपनी बेटी की मौत के लिए स्कूल प्रबंधन को जिम्मदार ठहराया है.
उन्होंने कहा,
“अलीना कट्टीपाड़ा के लोअर प्राइमरी स्कूल में पढ़ाती थीं. यहां उन्हें एक कर्मचारी के सस्पेंड किए जाने के बाद नियुक्त किया गया था. लेकिन उस कर्मचारी की नौकरी दोबारा बहाल की गई तो मेरी बेटी की नौकरी चली गई. इसका जब हमने विरोध किया तो स्कूल प्रबंधन ने पिछले साल जून में उसे नई पोस्टिंग दे दी.”
पिता ने आगे बताया कि मेरी बेटी को यह नियुक्ति इस शर्त पर दी गई कि वो स्कूल में पांच साल तक किए गए अपने काम के लिए कोई वेतन नहीं मानेंगी.
उन्होंने कहा,
“मेरी बेटी ने स्कूल की शर्त लिखित में मान ली. उसे लगा कि कम से कम इसी बहाने नई नियुक्ति मिल जाएगी. लेकिन पांच साल काम करने के बाद तनख्वाह नहीं मिलने से वो काफी परेशान थी.”
अलीना के पिता ने दावा किया कि उन्होंने अपनी बेटी की नौकरी के लिए स्कूल प्रबंधन को मोटी रकम दी थी.
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शिक्षा मंत्री ने लिया मामले का संज्ञानइस मामले पर राज्य के वी. शिवनकुट्टी शिक्षा मंत्री ने संज्ञान लिया है. उन्होंने मीडिया से कहा,
“घटना दुखद है. डायरेक्टर जनरल (DG) ऑफ एजुकेशन को मामले की जानकारी जुटाने के लिए कहा गया है. जैसे ही DG से रिपोर्ट मिलेगी एक्शन लिया जाएगा.”
उधर, कॉर्पोरेट एजुकेशनल एजेंसी के मैनेजर फादर जोसेफ वर्गीस ने कहा,
एजेंसी के तहत स्कूलों में अलीना की तरह ही कई टीचर काम कर रहे हैं. उनकी स्थायी नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग में आवेदन जमा किया गया था लेकिन तकनीकी कारणों की वजह ये अप्रूव नहीं हो सका.
पीड़िता के पिता ने मैनेजमेंट के दावे को नकार दिया. उनका कहना है कि कई ऐसे टीचर हैं जिन्हें पिछले नौ वर्षों से सैलरी नहीं मिली है. स्कूल प्रबंधन उनकी बेटी को सैलरी देने के लिए उचित उठा सकता था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया.
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