पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने सिंधु जल समझौते पर एक बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर भारत सिंधु जल समझौते को बहाल नहीं करता तो दोनों देशों के बीच एक बार फिर युद्ध छिड़ सकता है. बिलावल भुट्टो का ये बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान के बाद सामने आया है जिसमें उन्होंने सिंधु जल समझौते को कभी बहाल न करने की बात कही थी.
सिंधु जल समझौते पर अमित शाह के बयान से भड़के बिलावल भुट्टो ने युद्ध की धमकी दे डाली
बिलावल भुट्टो के इस बयान को गृह मंत्री अमित शाह ने हालिया बयान से जोड़कर देखा जा रहा है. हाल में अपने एक इंटरव्यू में अमित शाह ने सिंधु जल समझौते को लेकर स्पष्ट तौर पर कहा इसे कभी भी बहाल नहीं किया जाएगा.

इंडिया टुडे में छपी खबर के मुताबिक, सोमवार 23 जून को पाकिस्तान की संसद में बोलते हुए बिलावल ने कहा, "भारत के पास दो विकल्प हैं. या तो वह निष्पक्ष रूप से पाकिस्तान के साथ पानी साझा करे, या फिर हमें सभी 6 नदियों का पानी लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा."
बिलावल ने भारत के सिंधु जल समझौते को खत्म करने के दावे को 'अवैध' बताते हुए आगे कहा, “यह संधि अभी भी लागू है और पाकिस्तान और भारत, दोनों इससे बच नहीं सकते है. दोनों ही देशों के लिए इसे मानने की बाध्यता है. साथ ही भारत की पानी रोकने की धमकी संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के भी खिलाफ है.”
बिलावल के इस बयान को गृह मंत्री अमित शाह ने हालिया बयान से जोड़कर देखा जा रहा है. हाल में एक इंटरव्यू में अमित शाह ने सिंधु जल समझौते को लेकर स्पष्ट तौर पर कहा, “सिंधु जल समझौते को कभी भी बहाल नहीं किया जाएगा. अंतरराष्ट्रीय संधियों को एकतरफा रद्द नहीं किया जा सकता, लेकिन हमें इसे निलंबित करने का अधिकार था."
शाह ने इस संधि की प्रस्तावना का जिक्र करते हुए कहा, "इसे दोनों देशों की शांति और प्रगति के लिए बनाया गया था, लेकिन अब जब उसका उल्लंघन हो चुका है, तो फिर इसमें बचाव करने के लिए कुछ बचा ही नहीं.”
अब बिलावल ने भारतीय गृह मंत्री के इस बयान को 'अंतरराष्ट्रीय समझौतों की अवहेलना' बताया है. हालांकि, उन्होंने अपने भाषण में बातचीत पर जोर देते हुए कहा, “अगर भारत और पाकिस्तान आतंकवाद को लेकर आपस में बात नहीं करेंगे तो दोनों देशों में हिंसा और बढ़ेगी.”
बिलावल ने कश्मीर मसले पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन होने का दावा करते हुए कहा कि पाकिस्तान इस मुद्दे को वैश्विक स्तर पर उठाने में 'सफल' रहा है. उन्होंने इस मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश का भी जिक्र किया.
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