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शेरोन राज मर्डर केस: दोषी प्रेमिका को मौत की सजा, जहर देने के बाद मृतक का इलाज नहीं होने दिया था

Sharon Raj Murder Case: मामले की जांच में पता चला कि ग्रीष्मा शेरोन से अपने रिलेशन को खत्म करना चाहती थी. इसलिए उसने युवक को घर बुलाकर धोखे से उसे जहर दे दिया था. शेरोन की हालात बिगड़ने पर ग्रीष्मा ने उसके पैरेंट्स से भी इस बात को छिपाया. अब डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने ग्रीष्मा को मौत की सजा सुनाई है.

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शेरोन और उनकी गर्लफ्रेंड ग्रीष्मा. (तस्वीर : इंडिया टुडे)

केरल की एक अदालत ने शेरोन राज मर्डर केस की दोषी ग्रीष्मा को मौत की सजा सुनाई है. उस पर 23 साल के शेरोन राज को जहर देकर मारने का दोष साबित हुआ था. अक्टूबर, 2022 में तिरुवनंतपुरम में शरीर के अंग फेल होने के चलते शेरोन की मौत हो गई थी. बाद में जांच में सामने आया कि उनकी गर्लफ्रेंड ग्रीष्मा ने उन्हें जहर दे दिया था.

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इंडिया टुडे से जुड़ीं शिबिमोल की रिपोर्ट के मुताबिक 23 साल के शेरोन राज तिरुवनंतपुरम के पास परसाला इलाके में रहते थे. 25 अक्टूबर 2022 को इंटर्नल ऑर्गन फेलियर के कारण उनकी मौत हो गई थी. पुलिस ने उनकी मौत का कारण पता करने की कोशिश की. गहरी छानबीन के बाद खुलासा हुआ कि उनका मर्डर हुआ था.

रिपोर्ट के मुताबिक शेरोन और ग्रीष्मा रिलेशनशिप में थे. ग्रीष्मा के माता-पिता ने उसकी शादी कहीं और तय कर दी थी. शेरोन इससे खुश नहीं थे. ग्रीष्मा उनसे अपना रिश्ता खत्म करना चाहती थी जिससे शेरोन ने इनकार कर दिया. इसके बाद ग्रीष्मा ने उन्हें मारने का प्लान बनाया.

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कैसे किया मर्डर?

 14 अक्टूबर 2022 का दिन. ग्रीष्मा ने शेरोन को उसके कन्याकुमारी में रामवर्मनचिराई स्थित अपने घर पर बुलाया. रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीष्मा ने शेरोन को एक आयुर्वेदिक टॉनिक पीने को दिया. शेरोन ने उसे पी लिया. ग्रीष्मा के घर से निकलने के बाद उन्हें उल्टियां होने लगीं. शेरोन के माता-पिता उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले गए. लेकिन उनकी हालत बिगड़ती गई. माता-पिता ग्रीष्मा से जानना चाहते थे कि आखिर उसने शेरोन को क्या खिलाया है, लेकिन उसने ये बात छिपा ली. इस कारण देर होती गई और शेरोन की जान चली गई.  

दी हिंदू में छपी रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रीष्मा ने पहले भी शेरोन को मारने का प्रयास किया था. उसने शेरोन को जूस में पैरासिटामोल की कई सारी गोलियां मिलाकर दे दी थीं, हालांकि तब शेरोन बच गए थे.

कोर्ट का फैसला

हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक नेय्यत्तिनकारा की अतिरिक्त जिला सत्र अदालत ने ग्रीष्मा को मौत की सजा सुनाई है. अदालत ने इस केस की बारिकियों को पढ़ इसे 'दुर्लभतम अपराध' का मामला करार दिया.  

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जस्टिस एएम बसीर ने ग्रीष्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत 586 पन्नों का फैसला सुनाया,

1. मौत की सजा और 2 लाख रुपये का जुर्माना.  
2. धारा 364 (हत्या के इरादे से अपहरण) के तहत 10 साल की कठोर कैद और 1 लाख रुपये का जुर्माना.  
3. धारा 328 (जहर या हानिकारक पदार्थ से नुकसान पहुंचाना) के तहत 5 साल की कैद और ₹50,000 का जुर्माना.  
4. धारा 203 (सबूत नष्ट करना) के तहत 2 साल की कैद.

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मां और चाचा भी थे आरोपी

ग्रीष्मा के अलावा उसकी मां सिंधु और उसके चाचा निर्मल कुमार भी इस मर्डर केस में आरोपी थे. अदालत ने चाचा को सबूत नष्ट करने में ग्रीष्मा की मदद करने का दोषी पाया. वहीं सिंधु को आरोपों के अभाव में बरी कर दिया. चाचा को तीन साल की सख्त कैद और ₹50,000 जुर्माने की सजा दी गई है. अदालत ने अपने फैसले में ये बात भी जोड़ी कि जुर्माने की राशि शेरोन के माता-पिता को मुआवजे के रूप में दी जाएगी. 

ग्रीष्मा का पक्ष

ग्रीष्मा के वकील ने उसकी कम उम्र, अच्छे एजुकेशनल रिकॉर्ड और सुधरने के संकेतों का हवाला देकर सजा में नरमी की मांग की. लेकिन अदालत ने कहा कि इस अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसकी उम्र को राहत का कारण नहीं माना जा सकता. इंडिया टुडे के मुताबिक अदालत ने ग्रीष्मा के अपराध को समाज के लिए गलत संदेश बताया. कहा कि ग्रीष्मा ने उस व्यक्ति को धोखा दिया जो उससे प्यार करता था.

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