केरल (Kerala) अब भारत का पहला राज्य बन गया है, जिसने 'अत्यंत गरीबी' यानी एक्सट्रीम पॉवर्टी (Extreme Poverty) को पूरी तरह खत्म कर दिया है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्य विधानसभा में इसका ऐलान किया. मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने कई सर्वे और डेटा विश्लेषण के बाद पाया कि अब केरल में ऐसा कोई परिवार नहीं बचा है.
'अत्यधिक गरीबी खत्म करने वाला भारत का पहला राज्य बना केरल', पर ये हुआ कैसे?
Kerala के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विधानसभा में बताया कि केरल, 'अत्यंत गरीबी' यानी 'Extreme Poverty' को खत्म करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. केरल ने यह उपलब्धि कैसे हासिल की?


‘अत्यंत गरीबी’ की कैटेगरी में वे परिवार आते हैं, जिन्हें बुनियादी जरूरतें जैसे रोटी, कपड़ा और मकान तक सही तरीके से उपलब्ध नहीं होता. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, CM विजयन ने कहा,
हम केरल को ‘अत्यधिक गरीबी’ से मुक्त पहला भारतीय राज्य बनाने में सफल रहे हैं. इस विधानसभा ने कई ऐतिहासिक कानून और नीति घोषणाएं पारित की हैं. यह विधानसभा अब ऐसे समय में आयोजित हो रही है जो नए केरल के निर्माण में एक और मील का पत्थर है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2021 में सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में जो फैसले लिए गए, उनमें में से एक ‘अत्यधिक गरीबी उन्मूलन’ भी था. उन्होंने कहा, "यह विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों से किए गए सबसे महत्वपूर्ण वादों में से एक को पूरा करने की शुरुआत थी."
केरल ने यह उपलब्धि कैसे हासिल की?
केरल ने इससे पहले भी कई उपलब्धियां हासिल की हैं. फिर चाहें वो 100 फीसदी साक्षरता प्राप्त करना हो, पहला डिजिटल साक्षर राज्य बनना हो या पूरी तरह से विद्युतीकृत (Electrified) राज्य बनना है. इसी कड़ी में, एक्सट्रीम पॉवर्टी से सैकड़ों लोगों को बाहर निकालने के लिए केरल सरकार ने कई योजनाएं चलाईं. रिपोर्ट के मुताबिक, 1,000 करोड़ रुपये की लागत का विशेष कार्यक्रम चलाया.
- रोजाना भोजन की व्यवस्था: 20,648 परिवारों के लिए हर दिन भोजन की व्यवस्था की गई. इनमें से 2,210 परिवारों को गरम खाना उपलब्ध कराया गया.
- स्वास्थ्य सुविधाएं: 85,721 लोगों को जरूरी इलाज और दवाइयां दी गईं.
- घर की सुविधा: CM पिनाराई ने बताया कि 5,400 नए घर बनाए गए या बन रहे हैं. 5,522 घरों की मरम्मत की गई और 2,713 भूमिहीन परिवारों को घर बनाने के लिए जमीन दी गई.
- जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराए गए: मुख्यमंत्री ने एक पोस्ट में बताया कि 21,263 लोगों को पहली बार राशन कार्ड, आधार कार्ड और पेंशन दस्तावेज दिए गए.
- रोजगार: रिपोर्ट के मुताबिक, 4,394 परिवारों को आजीविका परियोजनाओं के लिए आर्थिक मदद दी गई. सरकार ने 64,006 कमजोर परिवारों की पहचान की और हर परिवार की अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से छोटी योजनाएं (micro plans) बनाई गईं.
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विपक्ष ने साधा निशानाकांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) विपक्ष ने CM विजयन के बयान को ‘पूरी तरह से धोखाधड़ी’ कहा और विरोध जताते हुए सत्र का बहिष्कार किया. विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान सदन के नियमों की अवमानना है. इसके बाद विपक्ष नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चला गया.
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए, CM विजयन ने कहा कि UDF जब ‘धोखाधड़ी’ कहता है तो वह अपने ही व्यवहार की ओर इशारा करता है. उन्होंने कहा, "हम वही कहते हैं जो हम लागू कर सकते हैं. हमने जो कहा था, उसे लागू किया है. यही हमारा विपक्षी नेताओं को जवाब है."
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