The Lallantop

'2040 तक मुस्लिम बहुल राज्य', इस बयान ने केरल में राजनीतिक भूचाल ला दिया

Vellappally Natesan एझावा समुदाय से आते हैं. नटेसन SNDP की राजनीतिक शाखा भारत धर्म जन सेना (BDJS) के संरक्षक भी रह चुके हैं. यह पार्टी अब Kerala में NDA की सहयोगी है.

Advertisement
post-main-image
नटेसन के बयान को लेकर विपक्ष पिनराई विजयन पर हमलावर है. (फेसबुक)

केरल में श्री नारायण धर्म परिपालन योगम (SNDP) के महासचिव वेल्लापल्ली नटेसन (Vellappally Natesan) की मुसलमानों को लेकर कथित तौर पर विवादास्पद टिप्पणी की है. उनकी इस टिप्पणी ने राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. विपक्षी पार्टी कांग्रेस का आरोप है कि नटेसन मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (pinarai vijayan) के इशारे पर बांटने वाला बयान दे रहे हैं.

Advertisement

हाल में पिनराई विजयन को लगातार तीसरा कार्यकाल मिलने की भविष्यवाणी करने वाले नटेसन ने 20 जुलाई को दावा किया कि केरल साल 2040 तक मुस्लिम बहुल राज्य बन जाएगा. उन्होंने कहा,

 राज्य में मुसलमान एक अजेय शक्ति बन चुके हैं. सत्ता में चाहे कोई भी पार्टी हो कंठपुरम एपी अबूबकर मुसलियार समेत मुस्लम मौलवियों की सरकार में दखलअंदाजी करते हैं. ऐसी स्थिति बन गई है कि किसी भी सुधार को लागू करने से पहले मलप्पुरम (मुस्लिम बहुल जिला) की सहमति लेनी होगी. कंठपुरम एपी अबूबकर मुसलियार वरिष्ठ सुन्नी धर्मगुरु हैं, जिन्हें ग्रैंड मुफ्ती के तौर पर जाना जाता है.

Advertisement

इससे पहले SNDP के एक इवेंट में 19 जुलाई को भी वेल्लापल्ली नटेसन इसी तरह का एक बयान दिया था. उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से उत्तरी केरल में एक्टिव इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) की नजरें अब मध्य केरल की सीटों पर है और यह पार्टी मुख्यमंत्री पद हासिल करना चाहती है.

नेता विपक्ष और कांग्रेस नेता वी.डी. सतीशन ने नटेसन के इस बयान पर कहा कि सामुदायिक नेताओं को इस तरह के विभाजनकारी बयान देने से बचना चाहिए. उन्होंने कहा,

 SNDP महासचिव ने वहीं दोहराया है जो केरल के माकपा नेता मलप्पुरम के खिलाफ बोलते हैं. और जो मुख्यमंत्री ने दिल्ली में पीआर एजेंसियों के माध्यम से कहा था. सब कुछ मुख्यमंत्री के इशारे पर हो रहा है. यह नफरत भरा भाषण समाज सुधारक श्री नारायण गुरु के दर्शन के खिलाफ है. विपक्ष समाज में नफरत और खाई पैदा करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे इस अभियान पर सवाल उठाएगा.

Advertisement

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने भी SNDP महासचिव के इस बयान के पीछे सरकार की मिलीभगत का आरोप लगाया है. वहीं CPI(M) के राज्य सचिवालय ने भी इसको लेकर एक बयान जारी किया है. 

इस बयान में नटेसन का नाम लिए बिना लोगों से केरल की धर्मनिरपेक्ष संस्कृति को कमजोर करने वाले किसी भी कदम के खिलाफ सतर्क रहने का आग्रह किया है. CPI(M) राज्य सचिवालय ने कहा,

 पार्टी अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों को धर्मनिरपेक्षता की सुरक्षा का हिस्सा मानती है. एक धर्मनिरपेक्ष समाज में ही सभी धार्मिक और गैर-धार्मिक लोग लोकतांत्रिक तरीके से काम कर सकते हैं.

वेल्लापल्ली नटेसन एझावा समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं. नटेसन SNDP की राजनीतिक शाखा भारत धर्म जन सेना (BDJS) के संरक्षक भी रह चुके हैं. यह पार्टी अब केरल में एनडीए की सहयोगी है. 

नटेसन के बेटे तुषार वेल्लापल्ली BDJS के अध्यक्ष हैं. BDJS एनडीए के साथ है, लेकिन जमीनी स्तर पर पार्टी को SNDP के समर्थकों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिनमें से कई पारंपरिक तौर पर CPI (M) के साथ हैं. 

एझावा समुदाय केरल में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय में आती है. एझावा समुदाय केरल की कुल आबादी का 23 प्रतिशत हैं. और ये समुदाय कम्युनिस्ट पार्टी का सबसे बड़ा आधार है. पिनराई विजयन भी इसी समुदाय से आते हैं. 

एझावा समुदाय पारंपरिक रूप से ताड़ी निकालने का काम करते रहे हैं. नटेसन पहले भी मुसलमानों को लेकर विवादित बयान देते रहे हैं. लेकिन एझावा समुदाय के समर्थन को देखते हुए CPI(M) और विजयन उनके खिलाफ कड़ा स्टैंड नहीं लेते हैं. 

वीडियो: निमिषा प्रिया की फांसी टली, केरल के ग्रैंड मुफ्ती के प्रभाव वह कर दिखाया जो कूटनीति नहीं कर सकी

Advertisement