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यूसुफ कटारी ने पहलगाम के आतंकियों की क्या मदद की थी? गिरफ्तार हुआ है

Pahalgam Attack Terrorists Helper Arrested: सूत्रों ने बताया कि ‘ऑपरेशन महादेव’ के दौरान कुछ हथियार बरामद किए गए थे. इन हथियारों के फॉरेंसिक एनालिसिस के बाद यूसुफ कटारी की गिरफ्तारी हुई है. वो कश्मीर के कुलगाम का रहने वाला है.

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22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए इस हमले में 26 लोग मारे गए थे. (फोटो- इंडिया टुडे)
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मीर फरीद

सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर के 26 साल के मोहम्मद यूसुफ कटारी को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि उसने पाकिस्तान समर्थित द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के आतंकवादियों को लॉजिस्टिकल मदद दी. इनमें से ही कुछ आतंकवादियों ने पहलगाम में 26 लोगों की हत्या की थी. गिरफ्तारी के बाद उसे 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.

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इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि सेना के ‘ऑपरेशन महादेव’ के दौरान कुछ हथियार बरामद किए गए थे. इन हथियारों के फॉरेंसिक एनालिसिस के बाद यूसुफ कटारी की गिरफ्तारी हुई है. बताया गया कि वो कश्मीर के कुलगाम का रहने वाला है. सूत्रों ने बताया कि युसूफ कटारी स्थानीय बच्चों को पढ़ाता था और कॉन्ट्रैक्ट पर काम करता था. कुछ महीने पहले वो आतंकवादियों के संपर्क में आया और उनकी गतिविधियों में मदद करने लगा.

एंजेंसियों के मुताबिक, युसूफ कटारी ने पहलगाम आतंकी हमले से महीनों पहले आतंकियों को कुलगाम के जंगलों में नैविगेट करने में मदद की थी. 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए इस हमले में 26 लोग मारे गए थे. एजेंसियां आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) का भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं. इसके लिए पहलगाम हमलावरों की पिछली गतिविधियों, ठिकानों, जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के समय की मदद ली जा रही है.

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इससे पहले, जून में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बताया था कि दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने कथित तौर पर हमलावरों को शेल्टर और लॉजिस्टिकल मदद दी थी. दोनों व्यक्तियों की पहचान परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर के रूप में हुई. जिन्होंने हमले में शामिल तीन आतंकवादियों के नाम भी बताए.

एक महीने बाद जुलाई में तीनों आतंकवादी ऑपरेशन महादेव के तहत सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए. नाम- शीर्ष लश्कर कमांडर सुलेमान शाह, अफगान और जिब्रान. बाद में उन्हें पनाह देने वालों ने उनकी पहचान पहलगाम हमलावरों के रूप में की.

इसके बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मानसून सत्र के दौरान संसद में बोलते हुए पुष्टि की कि मारे गए तीनों आतंकवादी पहलगाम के अपराधी थे और पाकिस्तान से थे. मंत्री ने कुछ विपक्षी नेताओं के इस दावे को खारिज कर दिया कि वो ‘देश के अंदर के’ आतंकवादी हो सकते हैं.

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